जानिए कौन हुआ कुलपति के आदेश के खिलाफ मुखर, कह दिया- रजिस्ट्रार को हटाने का अधिकार नहीं है कुलपति को Gorakhpur News
गोविवि के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय सिंह ने विवि के रजिस्ट्रार का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल लिया। कुलपति द्वारा लिए गए बदलाव के निर्णय के तहत रजिस्ट्रार डा. ओमप्रकाश विश्वविद्यालय के यूजीसी-ह्यूमन रिसोर्स एंड डेवलेपमेंट सेंटर से संबद्ध कर दिए गए।
गोरखपुर, जेएनएन : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय सिंह ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल लिया। कुलपति प्रो. राजेश सिंह द्वारा शुक्रवार को लिए गए बदलाव के निर्णय के तहत शनिवार से रजिस्ट्रार डा. ओमप्रकाश विश्वविद्यालय के यूजीसी-ह्यूमन रिसोर्स एंड डेवलेपमेंट सेंटर से संबद्ध कर दिए गए। उधर कुलपति के इस आदेश को पूर्व रजिस्ट्रार डा. ओमप्रकाश ने अवैध करार दिया है। उन्होंने कहा कि कि रजिस्ट्रार को हटाना कुलपति के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। हाईकोर्ट की डबल बेंच इस विषय में अपना निर्णय भी दे चुकी है।
कुलपति के निर्णय की शासन को दे दी है जानकारी
डा. ओमप्रकाश ने बताया कि कुलपति के कथित अवैध निर्णय की उन्होंने शासन को जानकारी दे दी है और अपना पक्ष भी रख दिया है। पद से हटाने के आदेश के पक्ष में कुलपति द्वारा दिए गए पक्ष को खारिज करते हुए डा. ओमप्रकाश ने कहा कि उन्होंने हमेशा विश्वविद्यालय के नियम और परिनियम के दायरे में रहकर ही कार्य किया है। कभी किसी गलत कार्य का समर्थन नहीं किया है।
यह है घटनाक्रम
कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने रजिस्ट्रार डा. ओमप्रकाश पर असहयोग और विरोध करने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने का आदेश तैयार किया। आदेश को उन्होंने कार्यपरिषद की बैठक में भी रखा। परिषद के सदस्यों ने जब उस आदेश को एजेंडे से बाहर बताते हुए उस विषय पर किसी तरह का निर्णय देने से इन्कार कर दिया तो देर शाम कुलपति ने अपने निर्णय को सार्वजनिक कर दिया। साथ ही रजिस्ट्रार के खिलाफ जांच कमेटी गठित कर दी और जांच पूरी होने तक रजिस्ट्रार को एचआरडीसी से संबद्ध कर दिया।
सीएम योगी से मिले कुलपति, रखा पक्ष
कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से रजिस्ट्रार को हटाए जाने के मामले में अपना पक्ष रखा। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कुलपति के पक्ष से संतुष्ट नहीं हुए और निर्णय को लेकर अपनी असंतुष्टि भी जाहिर की। हालांकि मुख्यमंत्री ने इस विषय में अपना कोई निर्णय नहीं दिया।
पूर्व रजिस्ट्रार ने फैसले पर जताया विरोध
विश्वविद्यालय के एक पूर्व रजिस्ट्रार एसके शुक्ला ने कुलपति द्वारा की गई इस कार्रवाई का इंटरनेट मीडिया पर विरोध किया है। अपने फेसबुक एकाउंट पर उन्होंने लिखा है कि यूपी स्टेट यूनिवर्सिटी एक्ट-1973 के तहत कुलपति को यह अधिकार नहीं है कि वह रजिस्ट्रार को हटा दे। मेरठ के चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के मनोज कुमार चैहान वर्सेज राज्य मामले में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 17 अप्रैल 2015 को इस संदर्भ में स्पष्ट आदेश जारी किया है। डबल बेंच ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि रजिस्ट्रार से असंतुष्ट होने पर कुलपति शासन से शिकायत कर सकते हैं, लेकिन स्वयं कोई कार्रवाई नहीं कर सकते।