जानिए किस जेल के कैदी बना रहे मास्क, कोरोना से जंग में आए आगे Gorakhpur News
कोरोना वायरस जैसी महामारी के समय जेल में बंद कैदी हर तरह से अपना सहयोग देकर इस संकट के समय में मदद की कोशिश में जुटे हैं। महराजगंज में तीन कैदियों ने मिलकर इन दिनों मास्क बनाने की मुहिम छेड़ रखी है।
गोरखपुर, जेएनएन : कोरोना वायरस जैसी महामारी के समय जेल में बंद कैदी हर तरह से अपना सहयोग देकर इस संकट के समय में मदद की कोशिश में जुटे हैं। महराजगंज में तीन कैदियों ने मिलकर इन दिनों मास्क बनाने की मुहिम छेड़ रखी है। रोजाना 80 से 100 मास्क बनाकर कैदी इसे नए कैदियों व जेल प्रशासन को सौंप रहे हैं। यह मास्क कोरोना से जंग में कारगर हथियार साबित हो रहा है।
तीन कैदियों ने मास्क बनाने में जताई थी सहमति
महराजगंज जिला कारागार के प्रभारी अधीक्षक अविनाश कुमार ने बताया कि काउंसिलिंग के आधार पर जिला कारागार में आने वाले कैदियों की स्किल काे भी फीड किया जाता है। ऐसे में यह पता चलता है कि जेल आने से पहले कैदी कैसे कारोबार से जुड़ा था और किस प्रकार के कार्यों में रुचि लेता है। इसमें से दर्जी का काम कर चुके तीन कैदियों ने मास्क बनाने में सहमति जताई थी। इसके बाद से सिंलाई मशीन समेत कपड़े का इंतजाम कर मास्क बनाने की मुहिम शुरू हो गई। रोजाना 100 मास्क कैदी मिलकर बना ले रहे हैं। इससे जेल प्रशासन को बीमार व नए कैदियों के लिए बाहर से खरीदकर मास्क नहीं लाने पड़ रहे हैं। इसके साथ ही जिला प्रशासन की ओर से लोगों को राहत कार्यों में बंटने के लिए भी सहयोग किया जा रहा है।
कोरोना के मामले बढ़ते ही वैक्सीन लगवाने को उमड़ रही भीड़
कोरोना संक्रमण से आज पूरा विश्व परेशान हैं। देश में भी तेजी से बढ़ रहे मामले को देखते हुए सरकार द्वारा 45 वर्ष से ऊपर के सभी नागरिकों को कोरोना का टीका लगाने के आदेश के बाद भी गति धीमी रही, लेकिन अब बहुत तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए वैक्सीन लगाने वाले केंद्रों पर भारी भीड़ जुट रही है। लोग अब पहले से ज्यादा जागरूकता से टीका लगवा रहे हैं, जिसे देखते हुए पहले से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। निचलौल सीएचसी अधीक्षक डा. राजेश द्विवेदी ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार ने युद्धस्तर पर तैयारी शुरू की है। जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग अपने सभी संसाधनों के साथ जुटा हुआ है। निचलौल सीएचसी पर मार्च से टीका लगाया जा रहा है, जिसमें पहले स्तर पर स्वास्थ्य कर्मियों व अन्य कर्मचारियों को टीका लगाया गया। इसके बाद सरकार के आदेश पर 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीका लगाया जा रहा है।