जानिए पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी का सदन से जेल तक का सफर

लखनऊ से गिरफ्तार उत्तर प्रदेश का माफिया रामू द्विवेदी 11 साल में अर्श से फर्श पर पहुंच गया। बसपा सरकार में तो रामू की तूती बोलती रही फोन की एक घंटी पर अधिकारी से लेकर बड़े-बड़े नेता भी दरबार करते रहे।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 10:10 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 10:10 AM (IST)
जानिए पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी का सदन से जेल तक का सफर
रामू द्विवेदी को जिला अस्‍पताल के इमरजेंसी में लाया गया तो बाहर भीड़ जमा हो गई। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : लखनऊ से गिरफ्तार उत्तर प्रदेश का माफिया रामू द्विवेदी 11 साल में अर्श से फर्श पर पहुंच गया। बसपा सरकार में तो रामू की तूती बोलती रही, फोन की एक घंटी पर अधिकारी से लेकर बड़े-बड़े नेता भी दरबार करते रहे।

बसपा की सदस्‍यता लेने के बाद राजनीतिक पारी खेलने की दौड़ में आया रामू

रामू द्विवेदी 1997 में तब चर्चित हुआ जब उसके खिलाफ लखनऊ में हत्या, हत्या के प्रयास के मुकदमे दर्ज हो गए। इस बीच उसे चौरीचौरा थाने का हिस्ट्रीशीटर बना दिया गया। इसके बाद रामू के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी मांगने समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए। 2007 के बाद बसपा की सदस्यता लेने के बाद रामू राजनीतिक पारी खेलने की दौड़ में शामिल हो गया। 2010 में बसपा के टिकट पर रामू द्विवेदी विधान परिषद सदस्य चुन लिया गया और इस जिले में रामू का दबदबा और बढ़ गया। 2012 में व्यवसायी से रंगदारी मांगने का मुकदमा कोतवाली में दर्ज हुआ। इसके बाद फरवरी 2014 में व्यवसायी संजय केडिया व तत्कालीन एमएलसी रामू द्विवेदी के बीच विवाद हो गया और रामू द्विवेदी के दरवाजे पर चढ़कर फायरिंग हुई। इसके बाद से जिले में रामू के ऊपर कोई अपराध नहीं था।

गोशाला में रखा गया रामू

दशक से लग्जरी जीवन जीने वाला रामू पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद परेशान नजर आया। चेहरे पर मायूसी व तनाव दिख रहा था। रामपुर कारखाना थाने के हवालात से पुलिस सीधे कसया रोड स्थित एक गो-शाला लेकर आई और रामू को लगभग चार घंटे तक उसी में रखा गया।

राजनीतिक द्वेष के चलते रामू की गिरफ्तारी : श्यामू

रामू के भाई श्यामू ने कहा कि रामू पर सात साल से कोई मुकदमे नहीं है। वह लोगों की सेवा करने में अपना समय दे रहा था। तबीयत खराब चल रही थी, एक दिन पहले ही मेदांता से जांच कराकर लौटा है। अभी भी खड़ा होने की स्थिति नहीं है। राजनीतिक द्वेष के चलते रामू की गिरफ्तारी की गई है। पुलिस कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर यह किया गया है। पहले के हर मामलों में सुलह हो चुका है।

माफिया रामू को जेल में बैरक संख्या सात में रखा गया

लग्जरी जिंदगी जीने वाला माफिया संजीव उर्फ रामू द्विवेदी का अब नया आशियाना जेल की बैरक नंबर सात हो गया है। बैरक में पहुंचते ही रामू परेशान नजर आया। स्वास्थ्य खराब होने के चलते रामू के बैरक में पहुंचते ही चिकित्सक की टीम पहुंची और ब्लड प्रेशर व शूगर की जांच की। शूगर अधिक मिलने के बाद इंजेक्शन भी चिकित्सक ने दिया। ऐसे तो कोरोना संक्रमण को देखते हुए जेल में सतर्कता ज्यादा बरती जा रही है। हाई सिक्योरिटी बैरक न होने के चलते माफिया रामू के जेल जाते ही बैरक संख्या सात खाली करा दिया गया। पहले से रह रहे एक बंदी को ही केवल उसमें रहने की इजाजत दी गई है। बैरक में रामू व उसके तीन सहयोगियों को भी रखा गया है। जेल अधीक्षक केपी त्रिपाठी ने कहा कि बैरक की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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