गोरखपुर में रैंप पर उतरी मॉडल, दिखा खादी वस्त्रों का जलवा
कचहरी क्लब में चल रही मंडलीय खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी-21 में खूब भीड़ उमड़ रही है। खादी के प्रति लोगों को आकर्षित करने के लिए फैशन शो का आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत फैशन डिजाइनर कृति गुप्ता के कलेक्शन के साथ हुआ।
गोरखपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड एवं फेमिना इंस्टीट्यूट के संयुक्त तत्वावधान में कचहरी क्लब मैदान में फिदा खादी वस्त्र एवं पेपर बैग शो का आयोजन हुआ। 32 माडलों ने खादी से बने डिजाइनर परिधान पहने रैंप पर कैटवाक किया।
कचहरी क्लब में चल रही मंडलीय खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी-21 में खूब भीड़ उमड़ रही है। खादी के प्रति लोगों को आकर्षित करने के लिए फैशन शो का आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत फैशन डिजाइनर कृति गुप्ता के कलेक्शन के साथ हुआ। खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर पवन कुमार गुप्ता, प्रतीक राज गुप्ता, कविता शर्मा, प्रियंका भारती, कंचन, डाली चौधरी, ज्योति गिरी, सिब्या भारती, वंदन साहनी, पूजा गुप्ता, संदना भारती, अरुनिमा मिश्रा, रिया वर्मा आदि मौजूद रहीं।
प्रेम का संदेश दे गया नाटक 'महमूद
नाटकों की मासिक श्रृंखला चलाने वाले गोरखपुर थिएटर एसोसिएशन ने कोविड के चलते लंबे अंतराल के बाद नाटक मंचन का सिलसिला एक बार फिर शुरू कर दिया है। रैंपस स्कूल के प्रेमचंद सभागार में एमे'योर थिएटर ग्रुप एवं प्रगतिशील लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में नाटक 'महमूद का मंचन किया गया। एक बकरे पर केंद्रित इस नाटक से निर्देशक आसिफ जहीर ने लोगों को जानवरों को प्रेम का संदेश देने की सफल कोशिश की।
नाटक में दिखाया गया कि एक गरीब मुस्लिम परिवार के पास संपत्ति के नाम पर महमूद नाम का एक बकरा है। परिवार के लोग उसे ब'चे की तरह प्यार करते हैं। अचानक परिवार के बेटे के ससुराल कुछ मेहमान आ जाते हैं, जिनकी खातिरदारी के लिए उन्हें महमूद की बलि चढ़ानी पड़ती है। परिवार की महिला मुखिया जद्दन उसका विरोध करती है। हद तब हो जाती है जब महमूद का गोश्त जद्दन को खिलाने की कोशिश की जाती है। नाटक यह संदेश देता है कि प्रेम सिर्फ इंसान से ही नहीं जानवरों से भी हो सकता है। नाटक को अपने अभिनय मीरा सिकदर, आसिफ जहीर, शशि शेखर, मुकेश प्रधान, ऋषभ दास, बुलबुल, सूर्यांश, राहुल, बदले आलम, गिप्सी नागवंशी ने जीवंत बनाया। बैकस्टेज से नाटक को प्रभावी बनाने में रजत सिंह, हर्षचंद और राधेश्याम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। नाटक का लेखन शैलश मटियानी ने किया। इस अवसर पर कलीमुल हक, रवींद्र रंगधर, मानवेंद्र त्रिपाठी, विवेक श्रीवास्तव, विनीता श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।