काशी व मथुरा का भी होगा सकारात्मक निर्णय

कुशीनगर आए जूना अखाड़ा हरिद्वार के महामंडलेश्वर स्वामी डा. उमाकांतानंद सरस्वती ने कहा कि धार्मिक संस्थाओं का नियंत्रण संत समाज के हाथ होना चाहिए भारत को समर्थ व सशक्त राष्ट्र बनने में अभी कुछ देरी उत्तर प्रदेश का सौभाग्य है कि योगी जैसा संत नेतृत्व कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 08:29 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 08:29 PM (IST)
काशी व मथुरा का भी होगा सकारात्मक निर्णय
काशी व मथुरा का भी होगा सकारात्मक निर्णय

कुशीनगर : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की बाधाएं दूर हो गईं, निर्माण चल रहा है, पूरा भी हो जाएगा। हम लंबे समय तक मुस्लिम व अंग्रेजों के गुलाम रहे, फिर अपरिपक्व राजनेताओं के अधीन हो गए। भारत को समर्थ व सशक्त राष्ट्र बनने में अभी समय लगेगा। यह ईश्वरीय योजना है। जिस तरह अयोध्या के भूमि विवाद का निर्णय राम मंदिर के पक्ष में आया, उसी तरह मथुरा और काशी का भी निर्णय मंदिर के पक्ष में आएगा। हमें उतावला होने की जरूरत नहीं है।

यह बातें जूना अखाड़ा हरिद्वार के महामंडलेश्वर स्वामी डा. उमाकांतानंद सरस्वती ने कहीं। महामंडलेश्वर बुधवार को पथिक निवास में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। आरएसएस के एक कार्यक्रम से वह बिहार के सोनपुर से लौट रहे थे। कुछ समय कुशीनगर में ठहरे थे। कहा कि संत समाज सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पक्ष में है। उत्तर प्रदेश का सौभाग्य है कि यहां का नेतृत्व योगी जैसे संत को मिला है। विकास कर रहे हैं, इसलिए उनके पक्ष में संत समाज अपील कर रहा है। एक सवाल के जवाब में कहा कि संत किसी राजनीतिक पार्टी का प्रचार नहीं करता, सरकार और मुख्यमंत्री के संबंध में जनता को स्वयं निर्णय करना होगा। धार्मिक संस्थाओं का नियंत्रण सरकार के हाथ में रहना उचित नहीं है। इसका प्रबंध, संत समाज व ट्रस्ट से होना चाहिए। दक्षिण भारत में मंदिर के धन को सरकार द्वारा मस्जिद व मदरसों में दे दिया जाता है। उसका दुरुपयोग जेहाद फैलाने के लिए किया जाता है। उत्तर भारत में भी मंदिरों का प्रबंधन संत समाज अपने हाथ में चाहता है।

chat bot
आपका साथी