बाल गृह बालिका कांड : दो संवासिनियों का सीबीआइ ने दर्ज किया बयान Gorakhpur News

देवरिया जिले के चर्चित बाल गृह बालिका कांड की जांच कर रही सीबीआइ टीम ने दो संवासिनियों का बयान दर्ज किया। लगभग दो घंटे चले बयान में गृह में होने वाले हर कार्य के बारे में जानकारी ली।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 01:10 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 01:10 PM (IST)
बाल गृह बालिका कांड : दो संवासिनियों का सीबीआइ ने दर्ज किया बयान Gorakhpur News
बाल गृह बालिका कांड में सीबीआइ ने दर्ज किए बयान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : देवरिया जिले के चर्चित बाल गृह बालिका कांड की जांच कर रही सीबीआइ टीम ने दो संवासिनियों का बयान दर्ज किया। लगभग दो घंटे चले बयान में गृह में होने वाले हर कार्य के बारे में जानकारी ली। उधर सीबीआइ ने एक दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भी भेजा है।

सीबीआइ के विवेचक समेत दो सदस्यीय टीम ने देवरिया में डाला डेरा

सीबीआइ के विवेचक विवेक श्रीवास्तव अपने एक सहयोगी के साथ देवरिया में चार दिनों से जमे हुए हैं और सिंचाई विभाग के डाक बंगला को अपना कैंप कार्यालय बनाया है। निमहंस टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद सीबीआइ ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। चार दिनों में सीबीआइ ने एक चिकित्सक समेत 25 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। सीबीआइ कुशीनगर भी जाने की तैयारी में है, वहां पहुंचकर कुछ लोगों का बयान दर्ज करेगी। इसके अलावा पूर्व में बाल गृह में काम करने वाली कुछ महिला कर्मचारियों का भी बयान दर्ज किया जाएगा। सीबीआइ इसके लिए उन्हें भी नोटिस भेजने की तैयारी में हैं।

यह है पूरा मामला

रेलवे स्टेशन रोड पर मां विध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह बालिका के मामलों का पर्दाफाश पांच अगस्त, 2018 को पर्दाफाश हुआ था। इस मामले में संचालक गिरिजा त्रिपाठी समेत कई लोगों को पुलिस ने जेल भेज दिया था। पहले एसआइटी ने जांच की और अब सीबीआइ मामले की जांच कर रही है।

चौथे दिन भी किशोरी के गांव में जमी रही एसओजी

देवरिया जनपद के मदनपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में किशोरी की हुई हत्या के मामले के पर्दाफाश की राह अब पुलिस को आसान नहीं दिख रही है। चार दिनों से जिले की एसओजी व थानाध्यक्ष गांव में जमे हुए हैं, लेकिन ऐसी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है, जिससे घटना के तार जोड़े जा सकें। गांव की एक किशोरी 17 फरवरी की शाम घास काटने गई थी और उसके बाद से ही गायब हो गई। स्वजन ने तलाश किया, लेकिन पता नहीं चल सका। चार दिन पूर्व किशोरी का शव एक खेत से बरामद किया गया। इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से किशोरी का शव खेत में मिला था, वह स्थिति कुछ और ही बयान कर रही है। घटना के आसपास कोई मोबाइल नंबर भी प्रयोग नहीं किया गया है, जिसके चलते पुलिस का इलेक्ट्रानिक सर्विलांस भी कुछ राज नहीं उगल पा रहा है। कई सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस ने खंगाले है, उसमें किशोरी को जाते हुए तो देखा गया है, लेकिन आरोपित नजर नहीं आए हैं। पुलिस अधीक्षक डा.श्रीपति मिश्र ने कहा कि टीमें लगी है। कुछ काल डिटेल भी खंगाले जा रहे हैं। जल्द ही घटना का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।

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