इसे कहते हैं महिला सशक्‍तीकरण, दो हजार युवतियों को प्रशिक्षण देकर बना दिया स्‍वावलंबी Gorakhpur News

महिला सशक्तीकरण का संकल्प लेकर वर्ष 2012 से अब तक दो हजार किशोरियों युवतियों को निश्शुल्क सिलाई कढ़ाई बुनाई का प्रशिक्षण देने वाली कुशीनगर जिले में सेवरही कस्बे के समता कालोनी की रहने वाली सुचिता पत्नी राजू दुबे ने स्वावलंबी बनाने का काम किया है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 11:10 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 11:10 AM (IST)
इसे कहते हैं महिला सशक्‍तीकरण,  दो हजार युवतियों को प्रशिक्षण देकर बना दिया स्‍वावलंबी Gorakhpur News
लेप्रोसी अस्पताल में महिलाओं व युवतियों को सिलाई सिखातीं सुचिता दुबे। जागरण

धनेश्वर पांडेय, गोरखपुर : महिला सशक्तीकरण का संकल्प लेकर वर्ष 2012 से अब तक दो हजार किशोरियों, युवतियों को निश्शुल्क सिलाई, कढ़ाई, बुनाई का प्रशिक्षण देने वाली कुशीनगर जिले में सेवरही कस्बे के समता कालोनी की रहने वाली सुचिता पत्नी राजू दुबे ने स्वावलंबी बनाने का काम किया है। यात्रा अब भी जारी है।

यहां पर मांगी निश्‍शुल्‍क प्रशिक्षण की अनुमति

उन्होंने वर्ष 2012 में कस्बा स्थित क्रिश्चियन लेप्रोसी हास्पिटल एवं पुनर्वास केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त किया था। यह केंद्र लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया नई दिल्ली से सहायता प्राप्त था। इसी वर्ष ट्रस्ट ने अस्पताल को सहायता देना बंद कर दिया तो प्रशिक्षण केंद्र में ताला लटकने की नौबत आ गई। सुचिता ने हास्पिटल संचालक डा. संजीव चरण से यहां निश्शुल्क प्रशिक्षण केंद्र चलाने की अनुमति मांगी। अनुमति मिलने के बाद प्रतिदिन सुबह आठ बजे से दोपहर बाद एक बजे तक किशोरियों, युवतियों व महिलाओं को निश्शुल्क सिलाई, बुनाई, पीको व कढ़ाई का प्रशिक्षण देती हैं।

वोकेशन ट्रेनिंग सेंटर फैजाबाद से प्रशिक्षणार्थियों को मिलता है प्रमाण पत्र

अस्पताल के हाल में 21 सिलाई मशीन, एक कढ़ाई मशीन व एक पीको मशीन के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को न सिर्फ निश्शुल्क प्रशिक्षण देती हैं। अपितु छह माह प्रशिक्षण के बाद वोकेशन ट्रेनिंग सेंटर फैजाबाद से प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र भी दिलवाया जाता है। ये किशोरियां स्वावलंबी होकर अपने परिवार की आर्थिक स्थित से मजबूत करने में जुट जाती हैं। वहीं 100 से अधिक उपनगर व अगल- बगल के गांवों में ट्रेनिंग सेंटर, सिलाई केंद्र आदि खोलकर सुचिता के अभियान को सार्थक बनाने में जुटी हैं।

अब तक दो हजार महिलाओं को कर चुकी हैं प्रशिक्षित

मौजूदा समय में सुचिता 35 किशोरियों को हुनर सिखा उन्हें स्वावलंबी बना रही हैं। अस्पताल के संचालक डा. संजीव चरण ने बताया कि गत वर्ष 227 बच्चियों को प्रशिक्षित किया गया है। लोगों के सहयोग से 16 गरीब बालिकाओं निश्शुल्क सिलाई मशीन दी गई है।

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