Manish Gupta Murder Case: कहीं प्लान का हिस्सा तो नहीं हत्यारोपित दारोगा विजय यादव की फरारी

मनीष हत्याकांड में आखिरी हत्यारोपित दारोगा विजय यादव की गिरफ्तारी चुनौती बन गई है। चर्चा यह भी है कि एक लाख के इनामी दारोगा की गिरफ्तारी न हो पाना प्लान का हिस्सा है। विजय ने एफआइआर को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 09:02 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 09:02 AM (IST)
Manish Gupta Murder Case: कहीं प्लान का हिस्सा तो नहीं हत्यारोपित दारोगा विजय यादव की फरारी
मनीष गुप्‍ता हत्‍याकांड का आख‍िरी आरोपी अभी भी पुल‍िस पकड़ से दूर है। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मनीष हत्याकांड में आखिरी हत्यारोपित दारोगा विजय यादव की गिरफ्तारी एसआइटी और गाेरखपुर पुलिस के लिए चुनौती बन गई है। तलाश में लगाई गई टीम हर स्तर से प्रयास करने का दावा कर रही है, लेकिन चर्चा यह भी है कि एक लाख के इनामी दारोगा की गिरफ्तारी न हो पाना प्लान का हिस्सा है।विजय ने एफआइआर को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।अगर उसको राहत मिली तो उसका लाभ अन्य आरोपितों को भी मिलेगा।लेकिन पुलिस इस तरह के कयास को खारिज कर रही है।

15 दिन से चल तलाश, लेकिन नहीं मिला सुराग

पिछले 15 दिन से गोरखपुर के साथ ही कानपुर एसआइटी की 16 टीमें हत्यारोपितों की तलाश में छापेमारी कर रही है।दावा है कि पुलिस का दबाव बढ़ने पर ही इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दारोगा अक्षय मिश्रा, राहुल दूबे, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव, आरक्षी प्रशांत यादव कोर्ट में सरेंडर करने गोरखपुर पहुंचे।लेकिन पुलिस ने उन्हें दबोच लिया।जौनपुर जिले का रहने वाला दारोगा विजय यादव अभी तक पकड़ से दूर है।पांच हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के बाद गोरखपुर पुलिस की चार टीम लौट आईं हैं। चार टीम प्रयागराज व जौनपुर में जमी है।

फाेरेंसिक रिपोर्ट आने पर तय होगा सह अभियुक्तों का अपराध

कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत मामले में इंस्पेक्टर रहे जेएन सिंह, अक्षय मिश्रा समेत छह आरोपितों की मदद करने वाले भी एसआइटी के निशाने पर हैं। साक्ष्य मिटाने में मदद करने वाले आरोपितों के खिलाफ एसआइटी कानपुर वैज्ञानिक साक्ष्य जुटा रही है।फोरेंसिक रिपोर्ट आते ही सबकी भूमिका तय होगी।पुलिस सूत्रों की माने तो इस मामले में 10 से अधिक लोग सह अभियुक्त बनाए जा सकते हैं।

जेल में नहीं हुई मुलाकाती, दारोगा ने पहुंचाया फल

मनीष गुप्ता हत्याकांड में जेल गए इंस्पेक्टर जेएन सिंह,दरोगा अक्षय मिश्रा, राहुल दुबे, सिपाही प्रशांत कुमार औऱ बुधवार को जेल आए मुख्य आरक्षी कमलेश यादव इन सभी की गुरुवार को किसी से मुलाकात नहीं हो पाई। हालांकि दो दरोगा फल और मिठाई लेकर जरूर पहुंचे थे और मुलाकात करना चाहते थे लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें मिलने नहीं दिया। उनकी मिठाई लौटा दी लेकिन दो पेटी फल अंदर भेजवा दिया।

पूरी रात बेचैन रहा कमलेश

कमलेश यादव की बुधवार को जेल में पहली रात थी। पूरी रात वह बैरक में बेचैन रहा। नेहरू बैरक में रखे गए हत्यारोपित पुलिसकर्मी सुबह से ही उम्मीद लगाए हुए थे कि कोई मिलने आएगा। लेकिन किसी ने अर्जी नहीं दी।

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