सोच समझकर करें जमीन में न‍िवेश, फंस सकती है आपकी पूंजी

जीडीए अध‍िकार‍ियों के अनुसार महायोजना 2031 को तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। जीडीए में जो नए क्षेत्र शामिल हुए हैं वहां अभी जमीन नहीं खरीदनी चाहिए। 30 नवंबर तक इंतजार करना चाहिए। महायोजना लागू हो जाने के बाद सारी स्थिति साफ हो जाएगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 07:02 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 08:24 AM (IST)
सोच समझकर करें जमीन में न‍िवेश, फंस सकती है आपकी पूंजी
गोरखपुर में इस समय अनधिकृत रूप से प्‍लाट‍िंंग करने वाली कंपन‍ियों की बाढ़ है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, उमेश पाठक। गोरखपुर शहर के बाहरी क्षेत्रों में प्रापर्टी डीलर धड़ल्ले से प्लाटिंग करने में जुटे हैं। लुभावने दावे कर लोगों को जमीन खरीदने के लिए आकर्षित किया जा रहा है। निवेश के नाम पर रजिस्ट्री भी खूब हो रही है लेकिन इस निवेश के चक्कर में खरीदारों की पूंजी फंसने का भी डर है। शहर के चारो ओर 200 से अधिक गांव गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के दायरे में आ चुके हैं और वहां के भूखंडों का भू उपयोग अभी तक फाइनल नहीं हो सका है। संभव है कि जिस जमीन को खरीदा जा रहा है, उसका भू उपयोग विपरीत हो जाए। 30 नवंबर 2021 के बाद महायोजना 2031 अस्तित्व में आ सकती है और उसके बाद ही भू उपयोग को लेकर स्थिति साफ होगी।

महायोजना 2031 के बाद प्रतिकूल भू उपयोग निर्धारित हुआ तो ठगा महसूस करेंगे खरीदार

महायोजना में निर्धारित भू उपयोग के आधार पर ही निर्माण की अनुमति होती है। भू उपयोग के विपरीत किया गया निर्माण अवैध माना जाता है और प्राधिकरण उसे सील एवं ध्वस्त कर सकता है। आवासीय या वाणिज्यिक बताकर जो भूखंड बेचे जा रहे हैं, उसका भू उपयोग ग्रीन लैंड या कुछ और हुआ तो न ही नक्शा पास होगा और न निर्माण कराने की अनुमति होगी। ऐसी स्थिति में खरीदारों का लाखों रुपये का निवेश फंस सकता है।

रिंग रोड के किनारे हो रही सर्वाधिक प्लाटिंग

शहर के चारो ओर रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव है। तीन हिस्सा काम पूरा हो चुका है, एक हिस्सा काम भी स्वीकृत किया जा चुका है। रिंग रोड के दोनों ओर के क्षेत्र जीडीए के दायरे में भी आ चुके हैं और भविष्य में यहां बड़ी परियोजनाएं लांच की जा सकती हैं। देवरिया रोड पर मोतीराम अड्डा से आगे तक जमीन की प्लाटिंग चल रही है। पहले से जो निर्माण हैं, उन्हें लेकर महायोजना तैयार करते समय थोड़ी सतर्कता तो बरती जा रही है लेकिन जमीन की स्थिति क्या होगी, यह महायोजना तैयार होने के बाद ही साफ होगा।

विस्तारित क्षेत्र में चिह्नित किए जा रहे निर्माण

जीडीए के विस्तारित क्षेत्र में आने वाले गांवों में पहले से बने निर्माणों को चिह्नित किया जा रहा है। आवासीय, व्यावसायिक उपयोग वाले भवनों के आधार पर भू उपयोग निर्धारित करने को लेकर चर्चा होगी। अगले कुछ दिनों में महायोजना को लेकर नियमित रूप से बैठकें करने की तैयारी है। दो महीने में इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है।

महायोजना 2031 को तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। जीडीए में जो नए क्षेत्र शामिल हुए हैं, वहां अभी जमीन नहीं खरीदनी चाहिए। 30 नवंबर तक इंतजार करना चाहिए। महायोजना लागू हो जाने के बाद सारी स्थिति साफ हो जाएगी। - प्रेम रंजन सिंह, जीडीए उपाध्यक्ष।

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