गोरखपुर के उद्यमियों को गीडा की तरफ से ब्याज की नोटिस, सीईओ से जताई आपत्ति

गीडा प्रशासन की ओर से गीडा में 68 भूखंडों का आवंटन किया गया था। भूखंडों की कीमत का 10 फीसद मूल्य लेकर आवंटन कर दिया गया था। भूखंडों पर कब्जा देने से पहले उस क्षेत्र में विकास कार्य कराए जाते हैं। विकास कार्य हुए नहीं और नोटिस भेज दी गई।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 03:14 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 03:14 PM (IST)
गोरखपुर के उद्यमियों को गीडा की तरफ से ब्याज की नोटिस, सीईओ से जताई आपत्ति
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण की प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की ओर से पिछले साल आवंटित 68 भूखंडों में से कई के आवंटी उद्यमियों को लाखों रुपये के ब्याज का नोटिस भेजा है। इसमें एक भाजपा विधायक के पुत्र भी शामिल हैं। गीडा बोर्ड की बैठक में यह प्रावधान किया गया था कि बिना भूखंड के विकास के उद्यमियों से ब्याज नहीं लिया जाएगा लेकिन इस प्रावधान के विपरीत उद्यमियों को ब्याज का नोटिस भेज दिया गया। जबकि विकास कार्य पूरे न होने के कारण अधिकतर उद्यमियों को भूखंडों का कब्जा नहीं मिला है। कुछ उद्यमियों ने गीडा के सीईओ पवन अग्रवाल से मिलकर इस संबंध में आपत्ति जताई है।

विकास कार्य हुए नहीं फिर भी नोटिस

गीडा प्रशासन की ओर से गीडा में 68 भूखंडों का आवंटन किया गया था। भूखंडों की कीमत का 10 फीसद मूल्य लेकर आवंटन कर दिया गया था। भूखंडों पर कब्जा देने से पहले उस क्षेत्र में विकास कार्य कराए जाते हैं लेकिन अभी तक विकास कार्य पूरे नहीं हुए हैं। इसके बावजूद नोटिस भेज दी गई है। पिपराइच के भाजपा विधायक महेंद्रपाल ङ्क्षसह के पुत्र को भी भूखंड आवंटित किया गया है। उन्हें 14 लाख रुपये ब्याज का नोटिस मिला है। चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष आरएन सिंह का कहना है कि जहां भूखंड आवंटित हैं, वहां विकास कार्य नहीं हुए हैं। इसी दौरान उद्यमियों को 10 से 20 लाख रुपये ब्याज का नोटिस भी दे दिया गया। यह उचित नहीं है, इसे वापस लिया जाना चाहिए।

नहीं देना पड़ेगा अनावश्‍यक ब्‍याज

गीडा के सीईओ पवन अग्रवाल का कहना है कि गीडा में भुगतान की प्रक्रिया आनलाइन है। इसी कारण 68 भूखंडों को आवंटित हुए छह महीने बीतने के बाद उद्यमियों के पास ब्याज का नोटिस पहुंच गया। कुछ उद्यमी मिलने आए थे कि उन्हें अभी कब्जा नहीं मिला है, इसलिए ब्याज नहीं देंगे। इस मामले को दिखवाया जा रहा है। किसी को अनावश्यक ब्याज नहीं देना होगा।

रेडीमेड गारमेंट के लिए नहीं उपलब्ध हैं भूखंड

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की ओर से भीटी रावत में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भूखंडों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इसमें रेडीमेड सेक्टर के उद्यमियों के लिए भी भूखंड उपलब्ध कराने को कहा गया है लेकिन उद्यमियों के अनुसार वहां उनके लिए भूखंड नहीं उपलब्ध हैं। चैंबर आफ इंडस्ट्रीज की ओर से कराए गए सर्वे में करीब 80 उद्यमियों ने रेडीमेड गारमेंट की इकाई लगाने की सहमति व्यक्त की थी। सभी ने अधिकतम दो हजार वर्ग मीटर तक के भूखंडों की मांग की थी लेकिन भीटी रावत में निकाले गए भूखंडों का न्यूनतम क्षेत्रफल भी एक एकड़ से अधिक है। ऐसे में उद्यमियों को निराशा हुई है। चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने बताया कि रेडीमेड गारमेंट उद्यमियों के लिए गारमेंट पार्क की मांग की गई थी। 50 एकड़ न सही तो 25 एकड़ ही दिया जाए, जिससे जल्द इकाइयां लग सकें। पर, नई जगह जमीन देने की बात कही जा रही है, इसमें काफी देर होगा। यह बात रेडीमेड गारमेंट सेक्टर के लिए हितकर नहीं है। गीडी के सीईओ पवन अग्रवाल ने बताया कि भीटी रावत के सभी भूखंड रेडीमेड गारमेंट की इकाइयों के लिहाज से बड़े हैं। रेडीमेड गारमेंट की इकाइयों के लिए अलग से जमीन की व्यवस्था की जाएगी।

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