किसान सुभाग से प्रेरित होकर अन्य किसानों ने भी शुरू की सब्जी की खेती Gorakhpur News

धान व गेहूं की खेती से हटकर अपने पिता खेदू से प्रेरणा लेकर पैतृक कृषि भूमि में अपनी मेहनत और काबिलियत पर यकीन करते हुए महराजगंज जिले के लक्षनपुर निवासी सुभाग मिर्च की खेती कर उन्नति की ओर अग्रसर हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 04:10 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 04:10 PM (IST)
किसान सुभाग से प्रेरित होकर अन्य किसानों ने भी शुरू की सब्जी की खेती  Gorakhpur News
मिर्च की खेती का रखरखाव करते किसान सुभग।

आशीष जायसवाल, गोरखपुर : धान व गेहूं की खेती से हटकर अपने पिता खेदू से प्रेरणा लेकर पैतृक कृषि भूमि में अपनी मेहनत और काबिलियत पर यकीन करते हुए महराजगंज जिले के लक्षनपुर निवासी सुभाग मिर्च की खेती कर उन्नति की ओर अग्रसर हैं। उन्‍हें खेती कर आगे बढ़ता देख अन्‍य किसान उनसे प्रेरणा लेकर मिर्च की खेती की ओर बढ़ रहें हैं। सुभाग कहते हैं कि उन्नत तरीके से खेती कर आर्थिक स्थिति काफी हद तक मजबूत की जा सकती है। उनके इस उन्नत खेती को देखकर गांव के अन्य किसानों ने गेहूं व धान की बजाय मिर्च की खेती करनी शुरू कर दी है। पूरे वर्ष सुभाग मिर्च की खेती करते हैं और पौधे के साथ मिर्च भी बेचते हैं, जिससे पूरे वर्ष का खर्च चलता है।

पुत्रियों की शादी के साथ बच्चों को दिला रहे शिक्षा

किसान सुभाग मौर्य ने बताया कि अपने खेती के बल पर ही उन्होंने पांच पुत्रियों में तीन की शादी भी कर डाली। साथ ही दो पुत्रियों व एक पुत्र को शिक्षा दिला रहे हैं। सुभाग मौर्य ने बताया कि 40 डिसमिल में मिर्च की खेती कर रहे हैं। इस खेती में पहले मिर्च के बीज की बोआई के बाद पौधे तैयार होने के बाद पौधों की बिक्री होती है। उसके बाद बचे हुए पौधे को लगाकर उनमें से मिर्च की भी बिक्री करते हैं। इस खेती में मिर्च तैयार होने तक 10 हजार रुपये की लागत आती है ,जिससे उन्हें लगभग तीन गुना (30 से 35 हजार रुपये) मुनाफा हो जाता है।

इन्होंने ने ली सुभाग से प्रेरणा

सुभाग के मिर्च की खेती से प्रेरणा लेते हुए गांव के करीब आधा दर्जन लोग मिर्च की खेती करने लगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है। गुलाब, रामू, अमीरत, मुनिराम, सुरेश, लल्‍लू, गनपत सहित अन्य लोग मिर्च की खेती कर रहे हैं।

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