CM को दी जानकारी-रेडीमेड गारमेंट में निवेश के लिए आ रहे बाहर के उद्यमी, 50 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

गोरखपुर के उद्यमियों ने सीएम को बताया कि चैंबर से प्रदेश के बाहर के कई उद्यमी संपर्क कर रहे हैं और रेडीमेड गारमेंट सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेडीमेड गारमेंट में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और पूर्वांचल को इसका हब बनाया जाएगा।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 04:29 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 06:23 PM (IST)
CM को दी जानकारी-रेडीमेड गारमेंट में निवेश के लिए आ रहे बाहर के उद्यमी, 50 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
गोखपुर में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु प्रसाद अजितसरिया एवं पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री से मिलकर उद्यमियों की समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने रेडीमेड गारमेंट के लिए किए जा रहे सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि चैंबर से प्रदेश के बाहर के कई उद्यमी संपर्क कर रहे हैं और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल रेडीमेड गारमेंट सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेडीमेड गारमेंट में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और पूर्वांचल को इसका हब बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी नई इकाई लगाना चाहेगा, उसका स्वागत है। सरकार की ओर से पूरा प्रोत्साहन मिलेगा और धन की कमी भी नहीं आने दी जाएगी।

रेडीमेड सेक्‍टर में हो रहा तेजी से काम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टेराकोटा के बाद रेडीमेड गारमेंट को भी गोरखपुर से ओडीओपी में शामिल किया है। उसके बाद से इस सेक्टर के विकास के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। सरकार के प्रयास के बाद उद्यमियों का रुझान भी इस ओर तेजी से बढ़ रहा है। टाउनहाल मैदान में लगी रेडीमेड गारमेंट की प्रदर्शनी से इसे और बढ़ावा मिला। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में रेडीमेड गारमेंट इकाइयों की स्थापना के लिए फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण को मंजूरी मिल चुकी है।

खाली पड़ी जमीन पर भी फ्लैटेड फैक्ट्री बनाने का सुझाव

मुख्यमंत्री से मिलकर उद्यमियों ने इंडस्ट्रियल इस्टेट एवं इंडस्ट्रियल एरिया की खाली पड़ी जमीन पर भी फ्लैटेड फैक्ट्री बनाने का सुझाव दिया। इसपर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया है। उद्यमियों की ओर से मुलाकात के दौरान गीडा बोर्ड की बैठक में शामिल न करने की बात कही गई। उद्यमियों ने कहा कि चैंबर का प्रतिनिधित्व बोर्ड की बैठक में होना चाहिए। पहले यह व्यवस्था थी। उद्योगों के हित के लिए ही यह बैठक होती है और उद्यमियों को ही दूर रखा जाता है। उद्यमियों के अनुसार मुख्यमंत्री ने इस मामले में भी सकारात्मक आश्वासन दिया है।

आइआइडीसी के साथ साल में एक बार हो बैठक

चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के महासचिव प्रवीण मोदी ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की। उन्होंने फैजाबाद में बंद पड़े आक्सीजन संयंत्र को गोरखपुर लाने में मुख्यमंत्री द्वारा किए गए सहयोग के प्रति आभार जताया। मुख्यमंत्री ने आक्सीजन को लेकर किए गए उपायों की प्रशंसा की। प्रवीण मोदी ने मुख्यमंत्री से मांग की कि इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कमिश्नर (आइआइडीसी) के साथ एक साल में कम से कम एक बार उद्यमियों की बैठक होनी चाहिए। उन्होंने भी गीडा बोर्ड की बैठक में उद्यमियों को न शामिल किए जाने का मुद्दा उठाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में वह अधिकारियों से बात करेंगे। प्रवीण ने कहा कि कोरोना काल में उद्यमियों की स्थिति काफी खराब थी, उन्हें बिजली बिल में छूट मिलनी चाहिए। प्रवीण ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस मामले में सकारात्मक आश्वासन दिया है।

50 हजार लोगों को रोजगार देने की तैयारी

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) की इकाइयों के जरिए सरकार करीब 50 हजार लोगों को रोजगार देने की तैयारी में है। इसमें रेडीमेड गारमेंट सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान होगा। अनुमान के मुताबिक 350 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश से रेडीमेउ गारमेंट सेक्टर में ही गोरखपुर में 15 हजार लोगों को रोजगार मिला है। कोरोना की दूसरी लहर के पहले तक गोरखपुर में 500 करोड़ रुपये के रेडीमेड गारमेंट््स की खपत यहीं तैयार कपड़ों से हो रही थी। तब बाजार में 2000 करोड़ रुपये के रेडीमेड गारमेंट का कारोबार बाहर के उद्यमी कर रहे थे। रेडिमेड गारमेंट की इकाई लगाने पर ओडीओपी में 20 लाख रुपये तक का अनुदान मिल रहा है।

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