तीन साल के बच्चे में मिला संक्रमण, अब बुखार से पीडि़त सभी बच्चों की कराई जाएगी कोरोना जांच
23 सितंबर को हुई जांच में कोरोना का संक्रमण मिला था। बच्चे में सक्रमण मिलने से स्वास्थ्य विभाग के कान खडे हो गए हैं। विभाग ने बीमार चल रहे सभी बच्चों का कारोना जांच कराने का फैसला लिया है। इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों को भी निर्देशित किया गया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। तीन साल के मासूम में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद बच्चों की जांच के लिए विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। अब ओपीडी में आने वाले बुखार से पीडि़त सभी बच्चों की कोरोना जांच कराई जाएगी। सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने कोविड जांच के नोडल अधिकारी व डिप्टी सीएमओ डा. एके ङ्क्षसह को ब'चों की कोरोना संक्रमण जांच की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है।
प्रतिदिन होती है 35 सौ से अधिक लोगों की जांच
आमतौर पर प्रतिदिन 3500 से 4000 लोगों की कोरोना जांच की की जा रही है। आंकड़े देखने के बाद विभाग हैरान रह गया। इसमें बच्चों की संख्या सिर्फ पांच से सात फीसद है, शेष वयस्क हैं। डा. एके सिंह ने कहा कि बुखार से पीडि़त हर बच्चे की कोविड जांच कराने के लिए जिला व महिला अस्पताल के डाक्टरों को पत्र लिखा जाएगा। स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को भी बच्चों की जांच संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया जाएगा। कोरोना से बच्चों को बचाने पर सरकार व स्वास्थ्य विभाग का विशेष जोर है। इसके लिए पूरे जिले में बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है। इलाज की मुकम्मल व्यवस्था है। जिले से संक्रमण लगभग विदा हो चुका है। 23 सितंबर को सप्ताह बाद संक्रमित मिले थे, 24 सितंबर पुन: संक्रमितों की संख्या शून्य आई है। फिर भी एहतियात के तौर पर जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है।
24 घंटे में नहीं मिला कोई कोरोना संक्रमित
कोरोना संक्रमण के मामले बेहद कम हो गए हैं। 24 घंटे में शुक्रवार को लगभग चार हजार नमूनों की जांच हुई। एक की भी रिपोर्ट पाजिटिव नहीं आई। दो संक्रमितों ने कोरोना को मात दे दी है। इससे स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है। 30 अगस्त के बाद से किसी संक्रमित की मौत नहीं हुई है।
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि जिले में अब तक 59414 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 58554 लोगों ने कोरोना को मात दे दी है। 849 की मौत हो चुकी है। पांच सक्रिय मरीज हैं। उन्होंने बचाव की अपील की है।