बेहज्जती से आहत युवक ने फांसी लगाकर दे दी जान, सार्वजनिक स्थान पर मनबढों ने की थी पिटाई
कुशीनगर जिले के सेवरही उपनगर में एक युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी है। कमरे में छत के कुंडे से लटकता उसका शव मिला है। उसके पास से एक सुसाइड नोट मिला है। सार्वजनिक स्थान पर पिटाई होने से आहत होकर खुदकुशी करने की बात लिखी है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कुशीनगर जिले में सेवरही क्षेत्र का रहने वाले युवक ने बेइज्जती से आहत होकर फांसी लगा लिया है। सेवरही उपनगर में कमरे में छत की कुंडी में बधे साइकिल के ट्यूब के फंदे से लटकता उसका शव मिला है। सुसाइड नोट में युवक ने बेइज्जती करने वाले मनबढों का नाम भी लिखा है। पुलिस ने सुसाइड नोट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मामले में कार्रवाई करने की बात कही है।
साइकिल मरम्मत का काम करता था युवक
सेवरही उपनगर के वार्ड नंबर तीन किदवई नगर निवासी स्व. जय प्रकाश मद्धेशिया के 25 वर्षीय पुत्र धीरज मद्धेशिया ने पूर्वी रेलवे ढाले के पास खाद व्यवसायी लल्लन ब्याहुत के गोदाम के पास गुमटी डाल रखी थी। यहां वह साइकिल मरम्मत का काम करते थे। गोदाम से सटे लल्लन ब्याहुत का एक छोटा सा कमरा था। जिसे उन्होंने संतपट्टी निवासी लक्ष्मण वर्मा को देखभाल के लिए दे रखा था। धीरज इसी कमरे में अपना सामान रखते थे। कभी-कभी धीरज कमरे में ही रुक भी जाते थे।
सार्वजनिक स्थान पर पिटाई से आहत थे धीरज
धीरज की जेब में चार हजार रुपये और एक सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट में उन्होंने चार-पांच युवकों का उल्लेख करते हुए लिखा है कि उन युवकों ने सार्वजनिक स्थान पर उनकी पिटाई कर दी थी। जिससे उनकी काफी बेइज्जती हुई। इसी बात से दुखी होकर उन्होंने खुदकुशी करने का फैसला लिया है। सुसाइड नोट में धीरज ने गोदाम मालिक और लक्ष्मण वर्मा को निर्दोष बताया है तथा पुलिस से उन्हें परेशान न करने की गुजारिश की है।
घर में विवाद होने की बात कहकर ली थी कमरे की चाबी
धीरज शनिवार की शाम को दुकान बंद कर घर चले गए थे। कुछ देर बाद वह लौटकर दुकान पर आए और लक्ष्मण वर्मा से घर में विवाद होने की जानकारी दी। विवाद होने की वजह से रात में घर न जाने की बात कहते हुए लक्ष्मण वर्मा से उन्होंने कमरे की चाबी मांगी। लक्ष्मण वर्मा उन्हें चाबी देकर घर चले गए। रविवार को सुबह वह कमरे पर पहुंचे और दरवाजा नाक किया, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। कई प्रयास करने के बाद भी दरवाजा न खुलने पर कमरे के पीछे लगी खिडकी से उन्होंने अंदर देखा तो छत के कुंडे से लटक रहा धीरज का शव दिखाई दिया।
दरवाजा तोड़कर निकाला गया शव
चौकी प्रभारी राजेश कुमार मिश्र मौके पर पहुंचे। दरवाजा तोड़वाकर उन्होंने शव को कब्जे में लिया। तलाशी लेने पर धीरज की जेब से रुपये और सुसाइड नोट मिला। इसमें धीरज ने लक्ष्मण व गोदाम मालिक लल्लन ब्याहुत काे बेकसूर बताया है। कुछ अन्य लोगों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए यह लिखा है कि वह बेइज्जती होने के चलते अपनी जान दे रहा है। चौकी प्रभारी ने कहा कि स्वजन की तहरीर, सुसाइड नोट व पीएम रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा। इस दौरान व्यापारी नेता अमरनाथ गुप्त व अर्जुन गुप्ता भी मौजूद रहे।