बदलता गोरखपुर: महामारियों से लड़ी जंग, बढ़ी स्वास्थ्य सुविधाएं Gorakhpur News

बीआरडी मेडिकल कालेज में वर्षों से लंबित 500 बेड बाल सेवा संस्थान का निर्माण कार्य पूरा हुआ। इसमें तीन सौ बेड का कोविड अस्पताल बना जिसमें 100 बेड का आइसीयू है। सुपर स्पेशलिटी में 40 वेंटीलेटर के साथ 200 बेड का कोविड अस्पताल बनाया गया।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 20 Mar 2021 08:30 AM (IST) Updated:Sat, 20 Mar 2021 08:30 AM (IST)
बदलता गोरखपुर: महामारियों से लड़ी जंग, बढ़ी स्वास्थ्य सुविधाएं Gorakhpur News
स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं के संबंध में डाक्‍टर की प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। इंसेफ्लाइटिस से जंग लड़ रही सरकार को कोरोना ने भी चुनौती दी, लेकिन दोनों को हार का सामना करना पड़ा। बीते चार सालों में स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर मेडिकल कालेज तक में स्वास्थ्य सुविधाओं में  जबरदस्त इजाफा हुआ। अस्पतालों में वेंटीलेटर की कमी तो दूर हुई ही कई तरह की नई जांच मशीनें भी मिलीं।

मेडिकल कालेज में शुरू हुआ बाल सेवा संस्थान

बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज में वर्षों से लंबित 500 बेड बाल सेवा संस्थान का निर्माण कार्य पूरा हुआ। इसमें तीन सौ बेड का कोविड अस्पताल बना जिसमें 100 बेड का आइसीयू है। सुपर स्पेशलिटी में 40 वेंटीलेटर के साथ 200 बेड का कोविड अस्पताल बनाया गया। तीन करोड़ की लागत से बायोसेफ्टिक लैब (बीएसएल थ्री) बनी, जहां कोरोना के अलावा कई तरह की जांचें हो रही हैं। कालेज को दो रीयल टाइम पालीमरेज चेन रिएक्शन (आरपीटीसीआर) और चार ट्रूनेट मशीनें बीते चार साल की उपलब्धियों में शामिल हैं।

जिला अस्पताल में बढ़ी सुविधाएं

जिला अस्पताल में इंसेफ्लाइटिस वार्ड में 20 बेड बढ़ाए गए। 10 बेड की डायलिसिस यूनिट अब 20 बेड की हो चुकी है। पुरानी ओपीडी को चार मंजिला बनाने का रास्ता साफ हो गया है। प्रस्ताव शासन ने स्वीकृत कर लिया है। दो ट्रूनेट मशीनें मिली और 24 घंटे कोरोना जांच की सुविधा शुरू की गई। महिला अस्पताल में 100 बेड का मैटरनिटी ङ्क्षवग भी शुरू हुआ।

एम्स को मिली जमीन, बढ़ी सुविधाएं

एम्स को जमीन स्थानांतरित हुई। निर्माण कार्यों में तेजी आई। ओपीडी शुरू हुई। 1200 से 1500 तक प्रतिदन मरीज देखे जा रहे हैं। डे-केयर सर्जरी की शुरुआत हुई। अगले दो माह में अस्पताल चालू होने की उम्मीद है। एमबीबीएस की सीटें 50 से बढ़कर 125 हो गईं।

अलग बना टीबी अस्पताल

100 बेड का टीबी अस्पताल अस्तित्व में आया। कोरोना काल में इस अस्पताल ने मरीजों की बड़ी सेवा की। पहला क्वारंटाइन सेंटर यही था। 90 बेड कोरोना के लिए समर्पित कर दिए गए थे। बाद में इसे 15 वेंटीलेटर के साथ लेबल टू कोविड अस्पताल बनाया गया।

हुए कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य

फार्मेसी कालेज, पीजी हास्टल का निर्माण, वीआइपी गेस्ट हाउस, 14 माड्यूलर ओटी, कंपोजिट रीजनल सेंटर और क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र के भवन का निर्माण। क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। गांवों में 19 इंसेफ्लाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर खोले गए। जिला अस्पताल में एमआरआइ विल्डिंग बनकर तैयार है। इस पर 98 लाख रुपये खर्च हुआ है।

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