इस जिले में निदेशक के आदेश की हो रही अवहेलना, सुबह-शाम मंदिर खोलवाकर की जा रही पूजा Gorakhpur News

अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र कुशीनगर में एक प्रमुख भिक्षु के दबाव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के निदेशक के आदेश की अवहेलना जा रही है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए निदेशक एनके पाठक के आदेश पर कुशीनगर समेत भारत के सभी केंद्रीय संरक्षित स्मारक 15 मई तक बंद हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 01:10 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 01:10 PM (IST)
इस जिले में निदेशक के आदेश की हो रही अवहेलना, सुबह-शाम मंदिर खोलवाकर की जा रही पूजा Gorakhpur News
कुशीनगर में स्थित महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र कुशीनगर में एक प्रमुख भिक्षु के दबाव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के निदेशक (स्मारक) के आदेश की अवहेलना जा रही है। वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को देखते हुए निदेशक (स्मारक) एनके पाठक के आदेश पर कुशीनगर समेत भारत के सभी केंद्रीय संरक्षित स्मारक 16 अप्रैल से 15 मई तक बंद हैं। केवल कर्मचारियों को परिसर की सफाई के लिए अंदर जाने की अनुमति है। इसके बावजूद यहां के एक प्रमुख भिक्षु के दबाव में महापरिनिर्वाण सुबह-शाम खोलवाकर पूजा करवाया जा रहा है, जबकि अन्य मंदिरों के बौद्ध भिक्षुओं को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है।

भंते बोधयांग गौतम ने जताई कड़ी आपत्ति

भंते बोधयांग गौतम ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि निदेशक के आदेश की अवहेलना नहीं होनी चाहिए। अगर मंदिर खोला जाता है तो सभी बौद्ध भिक्षुओं को पूजा करने की अनुमति दी जाए।

भिक्षुओं को पूजा करने की दी गई है अनुमति

कुशीनगर के संरक्षण सहायक शादाब खान ने कहा कि पिछले लाकडाउन के दौरान भी बुद्ध मंदिर में सुबह-शाम पूजा होती थी। उसी परंपरा के मुताबिक सीमित संख्या में भिक्षुओं को पूजा करने की अनुमति दी गई है। एक प्रमुख भिक्षु दबाव बना रहे हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सारनाथ मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद से निर्देश देने की मांग की गई है।

भिक्षु संघ ने पूजा-पाठ के लिए मंदिर खोलने को कहा था

कुशीनगर भिक्षु संघ ने बुद्ध मंदिर समेत सभी स्मारकों को पूजा-पाठ के लिए खोलने की मांग की थी। यह मांग संघ के अध्यक्ष एबी ज्ञानेश्वर ने संरक्षण सहायक कुशीनगर शादाब खान से की थी। ज्ञानेश्वर का कहना है कि कुशीनगर में होटलों और धर्मशालाओं में वैवाहिक कार्यक्रम हो रहे हैं, लेकिन कोरोना गाइड लाइन का कहीं अनुपालन नहीं हो रहा है। जबकि बौद्ध भिक्षु गाइड लाइन का पालन करते हुए बुद्ध मंदिर में पूजा करना चाहते हैं।

chat bot
आपका साथी