इस जिले में दवाखाने की आड़ में चल रहा नर्सिंग होम, विभाग बना हुआ है मौन Gorakhpur News

सिद्धार्थनगर में बेहतर इलाज का दावा करने वाले झोलाछाप बिना रजिस्ट्रेशन के ही जगह-जगह दवाखाना खोल धंधा फैलाए हैं। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के जिम्मे इन पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी सौंपी है पर किसी प्रकार की जांच न होने से इन पर अंकुश नहीं लग रहा है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 03:30 PM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 03:30 PM (IST)
इस जिले में दवाखाने की आड़ में चल रहा नर्सिंग होम, विभाग बना हुआ है मौन Gorakhpur News
बेलौहा बाजार स्थित बंगाली दवाखाना में लगी मरीजों की भीड़। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : सिद्धार्थनगर जिले में बेहतर इलाज का दावा करने वाले झोलाछाप बिना रजिस्ट्रेशन के ही जगह-जगह दवाखाना खोल धंधा फैलाए हैं। वैसे तो सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के जिम्मे इन पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी सौंपी है पर किसी प्रकार की जांच न होने से इन पर अंकुश नहीं लग रहा है। इन लोगों के पास डिग्री नहीं है। बावजूद इनकी दवाखाना चमक रही है।

ओपीडी बंद होने से हुई चांदी

इसी बीच ग्रामीण क्षेत्रों में सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीजों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ रही है और स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी भी बंद है। ऐसे में इन मुन्ना भाइयों की चांदी है। इनके चंगुल में जो मरीज फंसता है, उनसे इलाज के नाम पर 15 से 20 हजार रुपये ऐंठ लिए जाते हैं। क्षेत्र के नासिरगंज, लक्ष्मीगंज, सुपौली, बेलौहा बाजार, मरवटिया बाजार, कुर्थिया, घोसियारी,करमा सहित अन्य छोटे-बड़े चौराहों पर अवैध क्लीनिक तथा नर्सिंग होम की भरमार है। करमा से सटे एक झोलाछाप बहुत कम समय में ही काफी चर्चित हो गया है,जिनके यहां हर मर्ज का शर्तिया इलाज करने का दावा किया जाता है। सुपौली चौराहे पर भी ऐसे फर्जी चिकित्सकों की भरमार है। यहां बिना डर भय के छोटे आपरेशन तक कर दिए जाते हैं। अगर कोई अधिकारी जांच के लिए आता है तो इसकी सूचना इन्हें पहले मिल जाती है और यह दवाखाना बंद कर फरार हो जाते हैं।

चलाया जाएगा अभियान

खेसरहा के सीएचसी अधीक्षक डा. एसके भारती ने कहा कि कुछ दिन पूर्व बेलौहा बाजार में छापेमारी अभियान चला कर कुछ लोगों के ऊपर कार्रवाई की गई थी। पुन: प्रशासन से समय लेकर अभियान चलाया जाएगा।

चिकित्सकों से मारपीट, दो पर मुकदमा

जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में देर रात करीब एक बजे मरीज की मौत के बाद स्वजन जमकर बवाल किया। स्वास्थ्यकर्मियों से मारपीट की, जिसमें स्वास्थ्य कर्मी नागेंद्र चौधरी को गंभीर चोट आई है।डा. महेंद्र कुमार ने आरोप लगाया कि रात की शिफ्ट में वह फार्मासिस्ट मनमोहन पांडेय व वार्ड ब्वाय नागेंद्र चौधरी के साथ ड्यूटी कर रहे थे। पहले से इमरजेंसी में भर्ती मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी। आक्सीजन का लेबल नीचे गिर रहा था। इस संबंध में उनके स्वजन को बताया गया। उनकी मौत हो गई तो स्‍वजनों ने मारपीट की।

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