इस जिला कारागार में बंदियों ने उगा दी 20 डिसमिल में स्ट्राबेरी, जानिए कैसे Gorakhpur News

जेल प्रशासन की सूझबूझ व कैदियों की मेहनत से महराजगंज जिला कारागार सब्जी उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के बाद स्ट्राबेरी की खेती के मामले में मिसाल कायम करने की तैयारी कर रहा है। अब यहां के कैदियों ने जेल में स्ट्राबेरी की खेती शुरू की है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 11:10 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 11:10 AM (IST)
इस जिला कारागार में बंदियों ने उगा दी 20 डिसमिल में स्ट्राबेरी, जानिए कैसे Gorakhpur News
जेल में स्ट्राबेरी की खेती का निरीक्षण करते प्रभारी जेल अधीक्षक अविनाश कुमार व जेलर अरविंद श्रीवास्तव। जागरण

सच्चिदानंद मिश्र, गोरखपुर : जेल प्रशासन की सूझबूझ व कैदियों की मेहनत से महराजगंज जिला कारागार सब्जी उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के बाद स्ट्राबेरी की खेती के मामले में मिसाल कायम करने की तैयारी कर रहा है। अब यहां के कैदियों ने जेल में स्ट्राबेरी की खेती शुरू की है। सब्जी की क्यारी में स्ट्राबेरी के पौधे लगाए गए हैं। ऐसे में एक-एक इंच भूमि का बखूबी उपयोग हुआ है। करीब 20 डिसमिल भूभाग में उगाई गई स्ट्राबेरी का आनंद फिलहाल जेल के बंदी ले रहे हैंं। बेहतर उत्पादन को देखते हुए भविष्य में जेल प्रशासन ने इसकी वृहद पैमाने पर खेती करने की ठानी है।

वर्तमान में की जा रही सब्‍जी की खेती

यहां करीब चार एकड़ कृषि योग्य भूमि पर वर्तमान समय में सब्जी की खेती की जा रही है। इससे जेल में करीब आठ सौ बंदियों के 70 फीसद सब्जी का इंतजाम जेल के अंदर ही हो जाता है। शेष सब्जियां शहर की मंडी से मंगाई जाती हैं। सब्जियों की बेहतर खेती को देखते हुए जेलर अरविंद श्रीवास्तव ने आठ माह पूर्व स्ट्राबेरी लगाने का एक नया प्रयोग किया और 20 डिसमिल भूमि पर इसकी खेती शुरू की। आठ माह पूर्व रोपे गए पौधे तैयार हो चुके हैं और इनसे फल भी प्राप्त होने लगे हैं। जिला कारागार में बंदियों द्वारा सब्जियों की खेती के साथ स्ट्राबेरी समेत अन्य खेती की देखभाल की जाती है।

जेल में बंद हैं कुल 974 बंदी

जिला कारागार में वर्तमान समय में दो विदेशियों में मैक्सिको के इबेन इजर व इंडोनेशिया के रोहान इमाम के अलावा कुल 974 बंदी हैं। इसमें प्रशासनिक आधार पर प्रदेश के अन्य 10 जिलों से ट्रांसफर होकर आए अन्य 10 कैदी भी शामिल हैं।

स्ट्राबेरी का उपयोग कर रहे जेल के बंदी और बंदी रक्षक 

जेलर अरविंद श्रीवास्‍तव ने कहा कि वर्तमान समय में अभी छोटे से भूभाग में खेती होने के कारण ज्यादा पैदावार नहीं है। ऐसे में स्ट्राबेरी का उपयोग जेल के बंदी और बंदी रक्षक ही कर रहे हैं। इसके बेहतर उत्पादन को देखते हुए नए सत्र में दो एकड़ भूभाग पर इसकी खेती कर इसे व्यावसायिक रूप देने की योजना है।

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