गोरखपुर जिले में सरयू की धारा में बह गई फोरलेन की 70 मीटर निर्माणाधीन सड़क
गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन पर ओझौली-नईबाजार के बीच सरयू नदी पर निर्माणाधीन पुल के अंतिम फाउंडेशन के पास 70 मीटर एप्रोच सड़क नदी की धारा में बह गई। इस सड़क के बहने से दिसंबर तक एक लेन शुरू करने की तैयारी अधर में लटक गई है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन पर ओझौली-नईबाजार के बीच सरयू नदी पर निर्माणाधीन पुल के अंतिम फाउंडेशन के पास 70 मीटर एप्रोच सड़क नदी की धारा में बह गई। इस सड़क के बहने से दिसंबर तक एक लेन शुरू करने की तैयारी अधर में लटक गई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पानी घटने के बाद ही सही स्थिति की जानकारी हो सकेगी। सड़क क्यों और कैसे बह गई, इसकी भी जांच कराई जाएगी। उधर, स्थानीय लोगों के बीच चर्चा है कि पुल का एप्रोच इतना लंबा नहीं बनना था। जितने पिलर बनने चाहिए थे, उससे कम पिलर ढाले गए और नदी की धारा में ही मिट्टी डालकर एप्रोच बनाया जा रहा था, जिसकी वजह से नदी जब उफान पर आई तो एप्रोच सड़क बह गई है।
फोरलेन के काम में दूर नहीं हो रहा गतिरोध
सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन का काम में आ रहा गतिरोध दूर होने का नाम नहीं ले रहा है। पहले ही काफी विलंब से चल रहे काम के बीच सरयू नदी पर निर्माणाधीन पुल का एप्रोच बहने से न केवल काम रुक गया है बल्कि समय से पूरा होने की तैयारी भी अधर में लटक गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागीय चूक के चलते ऐसा हुआ है। चर्चा है कि दो साल पहले ही इस बात का अंदेशा जताया गया था कि पुल का जो एप्रोच बनाया जा रहा है, उसका बड़ा हिस्सा नदी की धारा में आ रहा है लेकिन विभागीय अभियंताओं ने अप्रैल में जब नदी सूखी हुई थी तब ही इसकी नाप करके कम पिलर पर ही पुल बनाकर तीन किलोमीटर रेत पर रोड का नक्शा पास कर काम शुरू करा दिया था। इस संबंध में कार्यदायी कंपनी जेपी ग्रुप के सहायक महाप्रबंधक रवि सक्सेना ने कहा कि मुझे पुल फाउंडेशन के पास रोड बहने की जानकारी है। यह कैसे और क्यों हुआ इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता। विभागीय अधिकारियों के निर्देशानुसार काम कराया जा रहा है।
दिसंबर तक एक लेन खोलने की तैयारी थी, अब यह मुश्किल
एनएचएआइ के परियोजना प्रबंधक सीएन द्विवेदी ने बताया कि सरयू की धारा में फाउंडेशन के पास 70 मीटर की एप्रोच सड़क बह गई है। 850 मीटर लंबे पुल पर 50 मीटर की दूरी पर 18 पिलर लगे हैं, जो मानक के अनुरूप है। पिलर की संख्या घटाई-बढ़ाई नहीं गई है। दिसंबर तक एक लेन खोलने की हमारी तैयारी थी, लेकिन अब यह मुश्किल लग रहा है।