इस जिले में संक्रमित रेलवे कर्मचारियों को भी नहीं मिल रही विशेष आकस्मिक छुट्टी Gorakhpur News
विषम परिस्थितियों में मिलने वाली विशेष आकस्मिक छुट्टी नहीं मिलने पर रेलकर्मियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि पिछले साल भी कोरोना काल में अधिकतर कर्मचारियों की छ्ट्टी काट दी गई। इस वर्ष कोरोना की दूसरी लहर में भी कर्मचारियों को अवकाश नहीं मिल रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन : विषम परिस्थितियों में मिलने वाली विशेष आकस्मिक छुट्टी (स्पेशल सीएल) नहीं मिलने पर रेलकर्मियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि पिछले साल भी कोरोना काल में अधिकतर कर्मचारियों की छ्ट्टी काट दी गई। इस वर्ष कोरोना की दूसरी लहर में भी कर्मचारियों को अवकाश नहीं मिल रहा है, इसको लेकर कर्मचारी संगठनों ने भी नाराजगी जताई है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) और पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) ने तो रेलवे प्रशासन पर कर्मचारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
नरमू के महामंत्री ने प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी को लिखा पत्र
नरमू के महामंत्री केएल गुप्त ने पूर्वोत्तर रेलवे की प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी को पत्र लिखकर रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देशों का अनुपालन कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है बोर्ड के नियमों के अनुसार संक्रमित रेलकर्मी को अधिकतम 30 दिन का विशेष आकस्मिक छ्ट्टी का प्रावधान है। कोरोना काल में दफ्तर नहीं पहुंचने की दिशा में भी उसे नियमानुसार छुट्टी दी जाती है, लेकिन संक्रमित या विशेष परिस्थिति में दफ्तर नहीं पहुंचने वाले कर्मचारियों को भी छुट्टी नहीं मिल रही। इसके चलते कर्मचारियों में रोष बढ़ रहा है।
ज्ञापन सौंपकर स्पेशल सीएल दिलाने की मांग
पीआरकेएस के महामंत्री विनोद कुमार राय ने भी प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कर्मचारियों को स्पेशल सीएल दिलाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कोविड-19 के पहले लहर में जो कर्मचारी अपने घर पर क्वारंटाइन हुए थे या जो लोकडाउन में परिवहन की अनुपलब्धता के चलते कार्यालय में उपस्थित नहीं हो पाए, उन्हें भी स्पेशल सीएल नहीं दिया गया।
लखनऊ मंडल के कई विभागों में काट लिए गए स्पेशल सीएल
लखनऊ मंडल के कई विभागों में कर्मचारियों के स्पेशल सीएल काट लिए गए। कोविड-19 के दूसरे लहर में अस्पतालों में अपना इलाज कराने वाले संक्रमित रेलकर्मियों और घर पर क्वारंटाइन होने वाले कर्मचारियों को स्पेशल सीएल नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। जबकि, विशेष आकस्मिक अवकाश प्रत्येक रेलकर्मियों का हक है। इस प्रकरण को नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवे के माध्यम से रेलवे बोर्ड के समक्ष उठाया जाएगा।