इस जिले में प्रशासन ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने ही बना दिया लोहे व लकड़ी से पुल
जब इरादे मजबूत हों तो कुछ भी किया जा सकता है। यह बात महराजगंज जिले के चैनपुर के ग्रामीणों पर सटीक बैठती है। नाले पर बने पुल के टूटने के बाद प्रशासन ने जब नए पुल बनाने की गुहार नहीं सुनी तो लोगों ने खुद ही पुल बना दिया।
गोरखपुर, जेएनएन : कहते हैं, जब इरादे मजबूत हों तो कुछ भी किया जा सकता है। यह बात महराजगंज जिले के चैनपुर के ग्रामीणों पर सटीक बैठती है। गांव के पास से गुजर रहे नाला पर बने पुल के टूटने के बाद प्रशासन ने जब नए पुल बनाने की गुहार नहीं सुनी तो लोगों ने खुद ही अपने संसाधनों से पुल बना दिया, जिससे होकर ग्रामीण अपना रास्ता तय कर रहे हैं। ग्रामीण रवि मौर्या, सुरेश, संदीप मौर्या, गंगा, प्रिंस आदि ने बताया कि बीते 29 मई को भारी बारिश से सोनबरसा- चैनपुर मार्ग पर बह रही बड़ी नाला पर बना वर्षों पुराना पुल ढह गया, जिससे दोनों गांवों को जोड़ने वाला रास्ता बंद हो गया। इस कारण एक गांव से दूसरे गांव का संपर्क खत्म होने के साथ कृषि कार्य प्रभावित होने लगा।
जनप्रतिनिधियों से पुल बनवाने की मांग की
पुल टूटने के दिन से ही ग्रामीणों ने संबंधित विभाग से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से पुल बनवाने की मांग की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। इस पर ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से पटरी, बल्ली, पाइप, लोहा आदि से एक अस्थायी पुल बना लिया, जिससे आवागमन हो रहा है। पुल बनाकर स्थायी समाधन नहीं किया गया तो फिर से एक किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए दस किलोमीटर चलना पड़ेगा।
नाला निर्माण में देरी,16 दिनों से आवागमन बाधित
शहर कोतवाली के पास से निकलने वाले बांसपार बैजौली मार्ग पर नाला निर्माण के लिए हुई खोदाई और आवागमन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण पिछले 15 दिनों से आवागमन पूर्ण रूप से बाधित है। मोटरसाइकिल और पैदल चल रहे लोग किसी तरह ये समस्या झेल ले रहे हैं, लेकिन सबसे अधिक समस्या चार पहिया वाहनों को लेकर हो रही है। महराजगंज नगर पालिका के कोतवाली के पास से निकलने वाले बांसपार बैजौली मार्ग क्षेत्र के 20 से अधिक गांवों को जोड़ता है। इसी रास्ते बांसपार बैजौली, नेता सुरहुरवा, कोटा मुकुंदपुर, खुटहां बाजार आदि गांवों से लोग बैंक, मार्केट आदि के लिए आते-जाते हैं। 15 दिनों पूर्व एनएच पर नाला निर्माण के लिए खोदाई कर दी गई, लेकिन निर्माण में लावरवाही के कारण 15 दिनों से नाला निर्माण का कार्य अटका पड़ा है।