UP Panchayat Elections: पिछले पांच चुनावों में आरक्षण की स्थिति देख तय होगी आगे की राह
ग्राम पंचायतों में पांच चुनावों की स्थिति जानने के लिए 1995 2010 एवं 2015 के चुनाव के आरक्षण का आकलन करने के लिए आनलाइन फीडिंग की जा रही है। ग्राम पंचायत के साथ-साथ जिला पंचायत अध्यक्ष एवं क्षेत्र पंचायत प्रमुख पदों पर रहे आरक्षण की फीडिंग की जा रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अब अगले कार्यकाल के लिए गांवों में जोर-आजमाइश शुरू हो गई है। अपनी दावेदारी के बीच संभावित प्रत्याशी ग्राम पंचायत में आरक्षण की स्थिति जानने के लिए भी परेशान हैं। पर, अभी तक आरक्षण की स्थिति साफ नहीं हुई है। हालांकि आने वाले चुनाव में ग्राम पंचायतों के आरक्षण को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है। पिछले पांच चुनावों में आरक्षण की स्थिति का आकलन करने के बाद आगे की राह तय होगी।
आसन्न चुनाव में आरक्षण की स्थिति क्या रहेगी, यह सवाल सभी की जुबान पर है। ब्लाक से लेकर जिले तक का चक्कर लगाने के बावजूद कोई अपनी ग्राम पंचायत में आरक्षण की स्थिति को लेकर किसी को संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। सबकुछ शासन की मंशा पर निर्भर है। माना जा रहा है कि इस बार पूरी तरह से पारदर्शी व्यवस्था होने वाली है। इसी के तहत शासन ने पिछले पांच चुनावों का विवरण मंगाया है। ग्राम पंचायतों में इन पांच चुनावों की स्थिति जानने के लिए 1995, 2010 एवं 2015 के चुनाव के आरक्षण का आकलन करने के लिए आनलाइन फीडिंग की जा रही है। ग्राम पंचायत के साथ-साथ जिला पंचायत अध्यक्ष एवं क्षेत्र पंचायत प्रमुख पदों पर रहे आरक्षण की फीडिंग की जा रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि पिछले पांच चुनाव की स्थिति की फीडिंग चल रही है।
शासन से गाइड लाइन का इंतजार
जिलों में डाटा फीडिंग का काम पूरा होने के बाद शासन की ओर से गाइड लाइन तैयार की जाएगी। उसी के अनुसार आरक्षण तय किया जाएगा। परिसीमन का काम भी एक से दो दिनों में पूरा हो जाएगा। उसके बाद आरक्षण की स्थिति साफ हो जाएगी।
पिछले पांच चुनावों में ग्राम पंचायतों की आरक्षण की स्थिति के लिए फीडिंग की जा रही है। उसके बाद शासन से गाइड लाइन आने की उम्मीद है। गाइड लाइन आने के बाद आरक्षण तय किया जाएगा। - इंद्रजीत सिंह, मुख्य विकास अधिकारी।