जांच रिपोर्ट में छेने की मिठाई सेहत के लिए असुरक्षित मिली

मिठाई में चांदी वर्क की जगह पाई गई एल्यूमीनियम की परत

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 11:22 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 11:22 PM (IST)
जांच रिपोर्ट में छेने की मिठाई सेहत के लिए असुरक्षित मिली
जांच रिपोर्ट में छेने की मिठाई सेहत के लिए असुरक्षित मिली

संतकबीर नगर: राजकीय प्रयोगशाला से आई जांच रिपोर्ट में छेने की मिठाई सेहत के लिए असुरक्षित मिली है। इस मिठाई में चांदी वर्क की जगह एल्यूमीनियम की परत पाई गई है। दुधारा थानाक्षेत्र स्थित एक दुकान से करीब तीन माह पूर्व मिठाई का नमूना लिया गया था। इसे जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला में भेजा गया था। बहरहाल खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी मिठाई विक्रेता के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में वाद दाखिल करने की तैयारी में जुटे हैं।

अभिहित अधिकारी (डीओ) जेपी तिवारी ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) विनोद कुमार 21 अगस्त 2021 को दुधारा थानाक्षेत्र स्थित मिठाई की दुकान में जांच के लिए पहुंचे थे। यहां पर गुणवत्ता पर संदेह होने पर उन्होंने छेना की मिठाई का नमूना लिया था। इसे जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला में भेज दिया गया था। प्रयोगशाला से आई जांच रिपोर्ट में इस छेना मिठाई में चांदी वर्क की जगह एल्यूमीनियम की परत होना दर्शाया गया है। इसलिए इस मिठाई को सेहत के लिए असुरक्षित बताया गया है। बहरहाल खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी मिठाई विक्रेता के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में वाद दाखिल करने की तैयारी में जुटे हैं। कोर्ट से छह माह जेल या अधिकतम 10 लाख रुपये जुर्माना में से कोई एक अथवा दोनों सजा भुगतनी पड़ सकती है। इसके अलावा एफएसओ राजमणि प्रजापति ने सात जुलाई 2021 को नाथनगर चौराहे पर बस्ती जनपद के दुर्गजोत से आए एक सप्लाई वाहन को रोका था। गुणवत्ता पर संदेह होने पर इस वाहन से दही का नमूना लिया था। राजकीय प्रयोगशाला से आई जांच रिपोर्ट में मानक के अनुरूप सामग्रियों के न होने व पैकेजिग में कमियां मिली हैं। इसी एफएसओ ने धनघटा में 16 जुलाई को एक सप्लाई वाहन को रोका था। गुणवत्ता संदिग्ध लगने पर रस्क का नमूना लिया था। राजकीय प्रयोगशाला से आई जांच रिपोर्ट में मानक के अनुरूप सामग्रियों के न होने व पैकेजिग में कमियां मिली हैं। इन्होंने ही खलीलाबाद तहसील क्षेत्र के मड़या चौराहे पर 21 अगस्त को सप्लाई वाहन से पनीर का नमूना लिया था। राजकीय प्रयोगशाला से आई जांच रिपोर्ट में इस पनीर में जरूरत से कम वसा की मात्रा मिली है। इन तीनों मामले में संबंधित कारोबारियों के खिलाफ एडीएम कोर्ट में वाद दायर करने की तैयारी चल रही है।

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