Corona Warrior : मरीजों की जान बचाने के लिए संक्रमण से हर समय लड़ रहे जंग
स्वास्थ्य विभाग का हर व्यक्ति इस संकट के समय में कोरोना से जंग लड़ रहा है। डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ इस जंग में सबसे पहले मोर्चे पर खड़े हैं। जहां कोरोना से आम आदमी डरा-सहमा है और घर के पाजिटिव सदस्यों से भी दूरी बनाकर रह रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन : स्वास्थ्य विभाग का हर व्यक्ति इस संकट के समय में कोरोना से जंग लड़ रहा है। डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ इस जंग में सबसे पहले मोर्चे पर खड़े हैं। जहां कोरोना से आम आदमी डरा-सहमा है और घर के पाजिटिव सदस्यों से भी दूरी बनाकर रह रहा है, हालांकि यह जरूरी भी है। वहीं बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज के रेडियोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. आरके जैन संक्रमितों व संदिग्धों के सीधे संपर्क में हैं। उनके लिए मरीज से दूरी बनाना मुश्किल है। बड़ी संख्या में मरीज रोज सीटी स्कैन, एमआरआइ, अल्ट्रासाउंड व एक्सरे कराने रेडियोलाजी विभाग में पहुंच रहे हैं। डा. जैन सतर्कता के साथ उनकी जांच भी करते हैं और बचाव व सतर्कता का पालन करने के लिए प्रेरित भी। इस समय सामान्य ओपीडी बंद है।
चल रही है इमरजेंसी व पोस्ट कोविड
इमरजेंसी व पोस्ट कोविड ओपीडी चल रही है। इसके अलावा वार्डों में भर्ती मरीजों की जांच की जा रही है। प्रतिदिन लगभग सौ लोगों का एक्सरे, 15-20 लोगों का सिटी स्कैन व अल्ट्रासाउंड तथा पांच-सात मरीजों की एमआरआइ हो रही है। इनकी ऐसी जांच प्रक्रिया है कि मरीज से बहुत ज्यादा दूरी बनाना संभव नहीं है। यह भी पता नहीं रहता कि किस मरीज में संक्रमण है और किसमें नहीं, इसलिए पूरी एहतियात बरतते हुए डा. जैन उनकी जांच कर रहे हैं। वह बताते हैं कि इस कार्य में उनके सहयोगी पैरामेडिकल स्टाफ का भी महत्वपूर्ण योगदान है।
सांस फूलने व सीने में दर्द की ज्यादा आ रही समस्या
बीआरडी मेडिकल कालेज के रेडियोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. आरके जैन ने कहा कि इस समय कोविड व पोस्ट कोविड मरीजों में सांस फूलने व सीने में दर्द की समस्या ज्यादा आ रही है। इस वजह से डाक्टर चेस्ट का सीटी स्कैन कराने की सलाह दे रहे हैं। इसके अलावा भर्ती मरीजों की आवश्यकतानुसार सीटी स्कैन, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड व एमआरआइ जांच करनी पड़ती है। जांच के दौरान मैं व मेरा पूरा स्टाफ पूरी सतर्कता बरतता है। किस मरीज में कोरोना है, यह पता नहीं होता। बावजूद इसके संक्रमण के खतरे को जानते हुए हम उनकी सेवा कर रहे हैं। मरीजों की जान बचाना पहली प्राथमिकता है।