पंद्रह बेड पर 23 बच्चे, महराजगंज में ऐसे हो रहा इंसेफ्लाइटिस का इलाज

महराजगंज में इंसेफ्लाइटिस ने दस्तक दे दी है। वहीं जिला अस्‍पताल के इंसेफ्लाइटिस वार्ड में दुर्व्‍यवस्‍था का आलम यह है कि एक बेड पर दो मरीज हैं और वार्ड का एसी तक खराब है। मरीज व तीमारदार दोनों परेशान हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 07:10 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 08:22 PM (IST)
पंद्रह बेड पर 23 बच्चे, महराजगंज में ऐसे हो रहा इंसेफ्लाइटिस का इलाज
जिला अस्पताल के इंसेफ्लाइटिस वार्ड में भर्ती मरीज। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : महराजगंज जिले में कोरोना का संक्रमण घटा तो अब इंसेफ्लाइटिस ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। बावजूद जिला अस्पताल के इंसेफ्लाइटिस वार्ड में दुर्व्‍यवस्‍था का आलम यह है कि मरीजों को पर्याप्त बेड भी नहीं उपलब्ध हो पा रही है। 15 बेड पर 23 बच्चे जिंदगी के लिए जिद्दोजदह कर रहे हैं। वार्ड का एसी खराब है।

इंसेफ्लाइटिस वार्ड में परेशान हैं मरीज व तीमारदार

मरीज व तीमारदार गर्मी से परेशान हैं। जिला संयुक्त अस्पताल महराजगंज के इंसेफ्लाइटिस वार्ड में पकड़ी नौनिया की तीन वर्षीय अंशिका 26 जुलाई, कोठीभार क्षेत्र के पोखरभिंडा का रहने वाला 15 वर्षीय अलीशेर 28 जुलाई से भर्ती है। इसी प्रकार पनियरा विकास खंड के महदेवा निवासी तीन वर्षीय दीपेश, निचलौल के देवतर निवासी सात वर्षीय अंशिका 29 जुलाई तथा सिंदुरिया ग्राम पंचायत के गोबरही टोला की डेढ़ वर्षीय बच्ची सत्या 30 जुलाई से भर्ती हैं।

एक सप्ताह बाद भी नहीं ठीक हो सका एसी, वार्ड पानी-पानी

इंसेफ्लाइटिस वार्ड का एसी एक सप्ताह से खराब है, जिसके कारण मरीजों के तीमारदार सहित स्वास्थ्यकर्मी भी गर्मी व उमस से परेशान हैं। इस गर्मी से निजात पाने के लिए लोग हाथ का पंखा, दफ्ती व गत्ता का सहारा ले रहे हैं और तो और एईएस वार्ड के एक एसी का पानी वार्ड में फैलकर मरीजों और तीमारदारों के लिए मुसीबत पैदा कर रहा है। पूरा वार्ड पानी-पानी हो गया है।

तैनाती इंसेफ्लाइटिस वार्ड में, ड्यूटी दूसरे वार्ड में

इंसेफ्लाइटिस मरीज के बढ़ने के साथ यहां तैनात स्टाफ नर्सों की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है, लेकिन यहां ड्यूटी निर्धारण के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। जिले में इंसेफ्लाइटिस मरीजों की इलाज व्यवस्था के लिए इस वार्ड में 28 स्टाफ नर्सों की तैनाती की गई है, लेकिन ड्यूटी निर्धारण में नियमों की अनदेखी हो रही है। तीन शिफ्ट में सिर्फ 14 स्टाफ नर्सों की ड्यूटी इस वार्ड में लगाई जाती है। अन्य स्टाफ नर्सों से सर्जिकल वार्ड सहित दूसरे वार्ड में ड्यूटी ली जा रही है।

वार्ड में दिनभर डटे रहते हैं चार-चार तीमारदार

इंसेफ्लाइटिस वार्ड में स्वास्थ्य विभाग का कोई नियंत्रण नहीं है। कोरोना काल में भी मरीज के एक नहीं चार-चार तीमारदार दिन भर वार्ड में अंदर धमा-चौकड़ी करते हैं। स्टाफ नर्सों के मना करने पर विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। इसके कारण पूरे समय वार्ड का गेट खुला रहता है।

मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए विभाग गंभीर

जिला संयुक्त चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एके राय ने कहा कि इंसेफ्लाइटिस मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभाग गंभीर है। एसी के लिए इलेक्ट्रीशियन से संपर्क किया गया है। एक-दो दिनों में वह ठीक हो जाएगा। जहां तक स्टाफ नर्सों की ड्यूटी की बात है तो इनकी पर्याप्त उपलब्धता के अनुसार अन्य वार्ड में कार्य लिया जा रहा है।

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