मधवलिया गोसदन में प्लास्टिक खाने से मर गईं 17 गायें, चौंकानी वाली है पोस्टमार्टम रिपोर्ट Gorakhpur News
गोसदन मधलिया में दो दिनों में 18 पशुओं की मौत हो गई। इनका पोस्टमार्टम कराए जाने पर 17 की प्लास्टिक खाने व एक को चोट लगने मौत की पुष्टि हुई है।
गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज जिले के गो सदन मधवलिया में गोवंशीय पशुओं की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को फिर आठ पशुओं की मौत हो गई। इस प्रकार दो दिनों में 18 पशुओं ने दम तोड़ दिया है।
गोसदन मधवलिया की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। अधिकारी-कर्मचारी दौरा कर रहे हैं, लेकिन गोवंशीय पशुओं की असमय मौत पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। दाना, चारा के अभाव में गाय बीमार पड़ रही हैं और समुचित इलाज के अभाव में उनकी मौत हो रहीं है। बुधवार को दस गोवंशीय पशुओं ने दम तोड़ दिया था। अब गुरुवार को आठ और पशुओं की मौत हो गई। जबकि बड़ी संख्या में अभी भी गोवंशीय पशु बीमार है। जो उठ नहीं पा रहीं हैं। इसका मुख्य कारण समय से चारा नहीं मिल पाना बताया जा रहा है। भूख से तड़पकर मर रहे पशुओं की बढ़ती संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।
बड़ी संख्या में बीमार हैं पशु, अब इलाज शुरू
इतनी फलीहत और अधिकारियों के सस्पेंड के बाद बीमार पशुओं का अब इलाज शुरू हो गया है। ताकि पशुओं की मौतों को रोका जा सके। उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. एके गिरी ने कहा कि बीमार पशुओं का इलाज कराया जा रहा है। अब शीघ्र ही व्यवस्था में सुधार दिखेगा।
17 गायों को नहीं मिला चारा, भूख लगने पर प्लास्टिक खाने से हुई मौत
गोसदन मधलिया में दो दिनों में 18 पशुओं की मौत हो गई। इनका पोस्टमार्टम कराए जाने पर 17 की प्लास्टिक खाने व एक को चोट लगने मौत की पुष्टि हुई है। खबर के मुताबिक बुधवार को 10 गोवंशीय पशुओं की मौत हो गई थी। सभी का पोस्टमार्टम कराया गया। इस में सात पशुओं के पेट से पॉलीथिन निकला। वहीं एक बछड़े को चोट लगने से मौत बताई गई। जबकि गुरुवार को आठ गोवंशीय पशुओं की मौत हो गई है। इनका भी पोस्टमार्टम कराया गया। इन आठों के पेट से पालीथिन मिले हैं।
क्या कहते हैं उप मुख्य पशु चिकित्साअिधकारी
उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. एके गिरी ने बताया कि 17 पशुओं के पेट से पालीथिन निकला और एक पशु की मौत चोट लगने से हो गई है। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन पेट में होने के कारण पशुओं का आहार कम हो जाता है और वे धीरे-धीरे खाना कम कर देते हैं। इसके बाद वे भोजन को पचा नहीं पाते हैं। इसलिए उनकी मृत्यु हो जा रही है।