कुशीनगर में ड्रेन के पुल पर बना लिया मकान, जलनिकासी बाधित
कुशीनगर के कप्तानगंज तहसील में लोगों में अतिक्रमण करने की होड़ लगी हुई है जलजमाव से निजात दिलाने वाले कौआसार ड्रेन पर लोगों ने पक्का निर्माण करा लिया है बारिश के दिनों में ताल व खेतों से नहीं निकल पाता है पानीहर साल बर्बाद हो जाती हैं सैकड़ों एकड़ फसल।
कुशीनगर: कप्तानगंज तहसील क्षेत्र के गांव खैरटवा व पथरदेवा में कौआसार ड्रेन के पुल व भूमि पर पक्का निर्माण व झोपड़ी डालकर कब्जा किया गया है। इससे जलनिकासी प्रभावित हो रही है। बारिश का पानी नहीं निकल पाने की वजह से हर साल खेत में खड़ी सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो जाती है।
नेबुआ नौरंगिया ब्लाक के कौआसार चंवर से निकली ड्रेन सौरहां खुर्द, सिगहा, कठिनहियां, माठियाधीर, नरकटिया, रोआरी, बभनौली, हनुमानगंज, माघी मठिया, मधोपुर गौजही, नौगांवा, मेहदीगंज, अड़रौना, अब्दुल चक, पथरदेवा, खैरटवा होते हुए कसया ब्लाक के सेमरा धूसी तक जाती है। महेंद्र दीक्षित, प्रधान बलराम प्रताप सिंह, राजेश मिश्रा, राजकुमार कुशवाहा आदि का कहना है कि जलजमाव वाले इस क्षेत्र से बारिश का पानी निकलने का यह ड्रेन ही सहारा है। कई वर्षों से जगह-जगह बांध बनाकर मछली का शिकार करने व अतिक्रमण की वजह से जलनिकासी बाधित चल रही है। इस साल खेतों से पानी नहीं निकलने की वजह से हजारों एकड़ गन्ने की फसल सूख गई। खैरटवा गांव में एक व्यक्ति ने ड्रेन के पुल पर मकान बना लिया है। इसी गांव के आधा दर्जन लोग ड्रेन को पाटकर शौचालय बना लिया है। पथरदेवा गांव में कई लोग ड्रेन की भूमि पर झोपड़ी डाल दिए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि ड्रेन के पुल पर पक्का निर्माण की सूचना पर कानूनगो व लेखपाल पैमाइश करने पहुंचे थे, लेकिन किसी प्रभावशाली व्यक्ति के दबाव में बिना पैमाइश किए ही लौट गए थे। इस मामले में पूछे जाने पर एसडीएम देश दीपक सिंह ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अब जानकारी मिली है, शीघ्र ही अभियान चलाकर ड्रेन की भूमि से अतिक्रमण हटवाया जाएगा।