गोरखपुर में फिर दो शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी मिले, जांच के बाद बर्खास्त Gorakhpur News

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि दोनों शिक्षकों के विरुद्ध विभाग को शिकायत मिली थी। जांच कराकर जब इनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया गया तो प्रमाण पत्र फर्जी मिले।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Wed, 13 Nov 2019 08:51 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 10:00 AM (IST)
गोरखपुर में फिर दो शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी मिले, जांच के बाद बर्खास्त Gorakhpur News
गोरखपुर में फिर दो शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी मिले, जांच के बाद बर्खास्त Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। जनपद के प्राथमिक विद्यालयों में फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। सत्यापन में दो और शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी मिलने पर बीएसए ने दो शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया।

गोरखपुर के हैं दोनो फर्जी शिक्षक

जिले के हाटा खुर्द खीरिया, पोस्ट हाटा बुजुर्ग निवासी प्रेम कुमार गौड़ पुत्र रामलौट गौड़ उरुवा विकास खंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय उरुवा में बतौर सहायक अध्यापक तैनात हैं। इनकी नियुक्ति वर्ष 2000 में हुई। शिकायत मिली कि ये फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे हैं। व्यायाम विशारद का प्रमाण पत्र लक्ष्मीबाई व्यायाम मंदिर व्यायाम कॉलेज, झांसी सत्यापन में गलत पाया गया। इसी तरह विकासखंड गोला के ग्राम रामडीहा निवासी सुग्रीव कुमार वर्मा पुत्र रामप्यारे वर्मा की नियुक्ति वर्ष 2010 में बतौर सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय सिसई में हुई थी। शिकायत मिलने पर विभाग ने इनके बीएड के प्रमाण पत्र का सत्यापन गोरखपुर विश्वविद्यालय से कराया तो वह भी फर्जी मिला। 

शिकायत पर हुई थी जांच

इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्‍द्र नारायण सिंह का कहना है कि दोनों शिक्षकों के विरुद्ध विभाग को शिकायत मिली थी। जांच कराकर जब इनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया गया तो प्रमाण पत्र फर्जी मिले। इसी आधार पर इनके विरुद्ध बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है।

लगातार मिल रहे फर्जी शिक्षक

गोरखपुर में जांच के बाद लगातार फर्जी शिक्षकों के बारे में जानकारी हो रही है। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले इन शिक्षकों को इस बात का बिलकुल भय नहीं है कि मामले की जांच एसटीफ कर रही है। जांच के बाद भी दोनो शिक्षकों को फरार न होना यह साबित करता है कि अभी और शिक्षक हैं जो फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं।

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