गोरखपुर में गेहूं खरीद में घोटाला: जिनके पास भूमि ही नहीं, उनसे भी हो गई गेहूं खरीद Gorakhpur News

गोरखपुर में गेहूं खरीद में घोटाला सामने आया है। यहां कई भूमिहीन क‍िसानों से भी गेहूं खरीद द‍िखा द‍िया गया। मामला खुलते ही फर्जी काम करने वाले किसानों व बिचौलिए में हड़कंप मच गया है। जिम्मेदार प्रकरण की जांच कर रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 01:50 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 01:50 PM (IST)
गोरखपुर में गेहूं खरीद में घोटाला: जिनके पास भूमि ही नहीं, उनसे भी हो गई गेहूं खरीद Gorakhpur News
गोरखपुर में गेहूं खरीद में घोटाला सामने आया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर में फर्जी तरीके से पिता, पुत्र व पुत्री के अलावा सात अन्य लोगों ने 926 क्विंटल गेहूं क्रय केंद्र समिति बरपार माफी पर बेच दिया है। इनमें से आधा दर्जन तो भूमिहीन किसान हैं। मामला खुलते ही फर्जी काम करने वाले किसानों व बिचौलिए में हड़कंप मच गया है। जिम्मेदार प्रकरण की जांच कर रहे हैं।

विकास खंड उरुवा क्षेत्र के राईपुर निवासी नंदलाल गुप्ता ने 96 क्विंटल, आनंद पुत्र नंदलाल ने 91 तथा सरस्वती गुप्ता पुत्री नंदलाल ने 96 क्विंटल के अलावा पट्टीदार दुर्गेश गुप्ता ने 94, संजय गुप्ता ने 96, अरुण गुप्ता ने 96, महिष गुप्ता ने 86, कुरौली के ओमप्रकाश गुप्ता ने 91, बिरई के जगदीश गुप्ता ने 96, उरुवा बाजार के पप्पू शिल्पकार ने 84 क्विंटल गेहूं बेचा। इस तरह कुल 926 क्विंटल गेहूं क्रय केंद्र पर बेचा गया।

बिचौलिए की साठगांठ से हुई खरीदारी

फर्जी किसानों से गेहूं की खरीद क्रय केंद्र पर रहने वाले एक बिचौलिए के जरिये की गई। इससे इन फर्जी किसानों ने बड़े ही आसानी से अपने कागजों का सत्यापन करवाया और बेझिझक गेहूं बेच डाला।

बाजार में मिलता 1600 रुपये क्विंटल

अगर यही गेहूं बाजार में बेचते तो तकरीबन 1600 रुपये क्विंटल कीमत मिलती। किंतु गेहूं क्रय केंद्र पर 1975 रुपये क्विंटल में गेहूं बेचा गया है।

कुछ लोगों के पास तो खेत ही नहीं

ग्राम प्रधान राईपुर के राजकिशोर यादव ने बताया कि मेरे गांव में कोई भी ऐसा किसान नहीं है, जो 50-100 क्विंटल तक गेहूं बेच सके। कुछ के पास तो खेत ही नहीं है।

सत्यापित अभिलेखों पर की गई खरीद

सचिव क्रय केंद्र प्रभारी योगेंद्र पाठक ने बताया कि सत्यापित अभिलेखों के आधार पर ही गेहूं की खरीद की गई है। 95 किसानों से 4100 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई है। वहीं 45 किसानों को भुगतान भी कर दिया गया है।

छह लोगों के पास खेत नहीं

हल्का लेखपाल मंजीत शर्मा ने बताया कि नंदलाल गुप्ता सहित सह खाताधारकों के नाम राईपुर सहित तीन गांवों में करीब 150 डिसमिल खेत है। जबकि आनंद गुप्ता, सरस्वती, दुर्गेश, संजय, अरुण व महिष गुप्ता के नाम कोई खेत नहीं है।

खेत न होने के बावजूद अगर एक ही परिवार से इतने बड़े पैमाने पर अगर गेहूं की खरीद हुई है तो यह जांच का विषय है। बटाईदार से गेहूं की खरीद हो सकती है, लेकिन उसके नाम से पंजीकरण अनिवार्य है। - राकेश मोहन पांडेय, जिला खाद्य विपणन अधिकारी

इस प्रकरण की जांच नायब तहसीलदार गोला, राजस्व निरीक्षक उरुवा के अलावा उरुवा, कुरौली, बिरई, राईपुर के लेखपाल ने शुरू कर दी है। जांचोपरांत नियम विरुद्ध खरीद करने वालों के खिलाफ कारवाई की जाएगी। - राजेंद्र बहादुर ,एसडीएम गोला/सत्यापन अधिकारी।

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