गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, सीएचसी पर रात को जरूर रुकें डाक्टर
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी तरह की चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक एवं स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सीएचसी पर न केवल नियमित ओपीडी चले बल्कि आपातकाल में भी मरीजों को इलाज मिल सके।
गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी तरह की चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक एवं स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सीएचसी पर न केवल नियमित ओपीडी चले बल्कि आपातकाल में भी मरीजों को इलाज मिल सके। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात चिकित्सक रात को वहां जरूर रुकें।
सीएचसी का किया निरीक्षण
दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद सवा तीन बजे जंगल कौडिय़ा की उस सीएचसी का निरीक्षण करने पहुंचे जिसे उन्होंने गोद लिया है। मुख्यमंत्री ने वहां कार्यरत डाक्टरों, लेबर रूम की स्थिति एवं ओपीडी के बारे में जानकारी ली। सीएमओ ने बताया कि डाक्टर सीएचसी पर रात में भी रुकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मरीजों का इलाज सेवा भाव से होना चाहिए। उन्होंने कर्मचारियों की सूची बनाकर देने के भी निर्देश दिए।
टीकाकरण का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सरकार उसे रोकने के लिए संकल्पित भाव से काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने टीका लगवाने आए लोगों से बात कर व्यवस्था के बारे में भी पूछा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि टीकाकरण की ऐसी व्यवस्था कराई जाए, जिससे शहर एवं गांव के लोग अपने नजदीक ही टीका लगवा सकें।
निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष
मुख्यमंत्री ने रसूलपुर चकिया में निर्माणाधीन महंत अवेद्यनाथ राजकीय महाविद्यालय एवं स्टेडियम का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए, इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यहां इसी सत्र से पढ़ाई शुरू कर दी जाए।
इसके अलावा मुख्यमंत्री जंगल कौडिय़ा के निवर्तमान ब्लाक प्रमुख बृजेश यादव के गांव अहिरौली भी गए। उन्होंने बृजेश की भाभी एवं अहिरौली की पूर्व प्रधान इंद्रा देवी के आकस्मिक निधन पर दुख व्यक्त किया। वहां से गोरखनाथ मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की और दोपहर बाद करीब 3.15 बजे सड़क मार्ग से जंगल कौडिय़ा के लिए रवाना हुए।