शान से निकला इमामबाड़ा इस्टेट का शाही जुलूस

नौवीं मोहर्रम पर गुरुवार की रात इमामबाड़ा इस्टेट के सज्जादानशीं अदन शाह की निकली रैली।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 01:45 AM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 01:45 AM (IST)
शान से निकला इमामबाड़ा इस्टेट का शाही जुलूस
शान से निकला इमामबाड़ा इस्टेट का शाही जुलूस

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : नौवीं मोहर्रम पर गुरुवार की रात इमामबाड़ा इस्टेट के सज्जादानशीं अदनान फर्रुख शाह 'मियां साहब' की अगुवाई में शाही जुलूस निकला। परंपरागत जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। भीड़ का आलम यह था कि जिन रास्तों से जुलूस गुजरा वहा खड़े होने तक की जगह नहीं थी।

रात 10 बजे मियां साहब अपने काफिले के साथ इमामबाड़ा इस्टेट के पश्चिमी गेट से निकले। काफिले में बैंडबाजा, परंपरागत ढोल-ताशे के साथ घुड़सवार जुलूस में आर्कषण के केंद्र थे। इमामबाड़े से निकलकर जुलूस सबसे पहले कमाल शहीद की मजार पर पहुंचा, जहां मियां साहब ने अपने साथियों के साथ फातिहा पढ़ा। कारवां धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए चौरहिया गोला पहुंचा तो वहा भगवती प्रसाद इमाम चौक से शुरू होने वाला जुलूस में भी इसमें शामिल हो गया। बक्शीपुर इमामबाड़ा पहुंचने पर लोगों ने मियां साहब का फूल मालाओं से स्वागत किया। इस्माइलपुर और नखास में भी जुलूस का गर्मजोशी के साथ इस्तकबाल किया गया। जुलूस में भीड़ का आलम यह था कि सड़क पर कहीं पैर रखने तक की जगह नहीं थी। जुलूस देखने वाले सड़क के दोनों ओर की पटरियों पर जमा थे, जबकि आसपास की छतें महिलाओं से भरी थीं। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में महिला-पुरुष जुलूस देखने आए हुए थे। कोतवाली पहुंचकर मियां साहब ने सरदार अली के मजार पर फातेहा पढ़ा। रात के साथ साथ जुलूस में शामिल लोगों का काफिला भी बढ़ता गया। जुलूस रात 12:30 बजे इमामबाड़ा के दक्षिणी गेट से अंदर दाखिल हुआ। इसके बाद मियां साहब ने जुलूस समाप्ति की घोषणा की। जुलूस के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। हर चौराहे पर पुलिस मुस्तैद दिखी। जुलूस में मंजूर आलम, जुल्फेकार अहमद, शहाब अहमद, तौकिर आलम, बब्लू, राजन शाही, आसिम खान, ख्वाजा शमशुद्दीन, हाजी शकील अहमद, आसिम अहमद, अजहर समी, परवेज, रहमत, अब्दुल्लाह, मुर्तजा हुसैन रहमानी, अदील अख्तर आदि मौजूद रहे।

----------------- जुलूस का जगह-जगह हुआ इस्तकबाल

मियां साहब की अगुवाई में निकले शाही जुलूस का जगह-जगह स्वागत किया गया। राजनीतिक और समाजसेवी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मियां साहब को फूल-माला पहनाकर उनका इस्तकबाल किया।

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