गोरखपुर में रेलवे की अरबों की जमीन पर अवैध कब्जा, प्रशासन ने शुरू कराया सीमांकन
गोरखपुर में दर्जन भर लोगों ने रेलवे की 295 डिस्मिल भूमि पर दुकान और मकान खड़ा कर लिया है। साथ ही खतौनी से रेलवे का नाम हटवाकर अपना नाम दर्ज करा लिया है। रेलवे प्रशासन ने खतौनी में रेलवे का नाम पुन दर्ज कराने के लिए चिट्ठी लिखी है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन अपनी जमीनों को खोजने लगा है। रेलवे के इंजीनियरों ने जिला प्रशासन के सहयोग से बुधवार को धर्मशाला-गोरखनाथ पुल रोड पर स्थित भगवती महाविद्यालय से विश्वकर्मा मंदिर तक अवैध कब्जा की गई एक हजार मीटर भूमि का सीमांकन कराया। रेलवे प्रशासन की पहल पर एसडीएम सदर ने कब्जा करने वाले लोगों को संबंधित अभिलेखों के साथ अपने कोर्ट में तलब किया है।
एसडीएम सदर ने किया तलब, अभिलेखों के साथ पेश होंगे भूमि पर काबिज लोग
रेलवे के सहायक अभियंता योगेंद्र कुमार मिश्रा और आलोक कुमार मिश्रा की टीम ने भूमि का सीमांकन कराया। सीमांकन के दौरान कब्जा करने वाले लोगों में अफरातफरी मच गई। लोग काबिज भूमि को अपना बता रहे थे। उप मुख्य इंजीनियर (गोरखपुर क्षेत्र) रविन्दर मेहरा के अनुसार धर्मशाला क्षेत्र में स्थित रेलवे की भूमि पर लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। भूमि का सीमांकन कराया जा रहा है। जिला प्रशासन के सहयोग से भूमि से अवैध कब्जा हटवाया जाएगा।
दरअसल, धर्मशाला बाजार में दर्जन भर लोगों ने अराजी संख्या 428 में स्थित रेलवे की 295 डिस्मिल भूमि पर दुकान और मकान खड़ा कर लिया है। साथ ही खतौनी से रेलवे का नाम हटवाकर अपना नाम दर्ज करा लिया है। रेलवे प्रशासन ने खतौनी में रेलवे का नाम पुन: दर्ज कराने व कब्जा दिलाने के लिए चिट्ठी लिखी है। रेलवे प्रशासन ने बगल के खातेदारों, राजस्व विभाग और पुलिस की उपस्थिति में आठ जून 2019 तथा 12 फरवरी 2020 को इस भूमि का सीमांकन कराने का प्रयास किया था। लेकिन लोगों के विरोध के बाद सीमांकन नहीं हो पाया था।
रेलवे की जमीन पर खुल गए हैं होटल और रेस्टोरेंट
धर्मशाला बाजार ही नहीं रेलवे स्टेशन गोरखपुर के आसपास शहरी क्षेत्र की कई जमीनों पर भी लोगों का अवैध कब्जा है। जानकारों के अनुसार स्टेशन के ठीक सामने वाली सड़क के दक्षिण तरफ रेलवे की जमीन पर होटल और रेस्टोरेंट खुल गए हैं। फिलहाल, रेलवे प्रशासन ने अपनी भूमि को खाली कराने का प्रयास शुरू कर दिया है।