मुफ्त के नाम पर ठगे गए हैं तो यहां करें शिकायत
उपभोक्ता को एक उत्पाद या सेवा के बारे में पूरी जानकारी पाने का अधिकार है, यदि कोई उत्पाद झूठ बोलकर बेचा गया है तो उपभोक्ता मुकदमा दर्ज करा सकता है।
गोरखपुर, (जेएनएन)। हर उपभोक्ता को यह अधिकार है कि उसे वस्तुओं की मात्रा, गुणवत्ता, शक्ति, शुद्धता, स्तर और मूल्य के बारे में सूचित किया जाए। यह अधिकार अनुचित व्यापार प्रथाओं (अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस) से उपभोक्ता की सुरक्षा के लिए दिया गया है। उपभोक्ता को एक उत्पाद या सेवा के बारे में पूरी जानकारी पाने का अधिकार है, जिससे वह किसी वस्तु या सेवा को लेने से पहले जानकारी पाकर किसी निर्णय पर पहुंच सके।
उपभोक्ता संरक्षण कानून अधिनियम 1986
उपभोक्ता अदालतों में शिकायत का अधिकार
- उपभोक्ता शिकायत कर सकता है।
- उपभोक्ताओं की पंजीकृत स्वयंसेवी संस्थाएं शिकायत कर सकती हैं।
- केंद्र व राज्य सरकार शिकायत कर सकती है ।
- समान हित वाले उपभोक्ता-समूह की ओर से एक अथवा अनेक उपभोक्ता शिकायत कर सकते हैं ।
शिकायत को स्वीकार या अस्वीकार करने की समय सीमा
जिला फोरम को किसी उपभोक्ता की शिकायत को स्वीकार अथवा अस्वीकार करने का निर्णय शिकायत दर्ज करने के 21 दिन के अंदर करना चाहिए।
शिकायत पर निर्णय देने की भी है समय सीमा : विजय प्रकाश मिश्र
अवकाश प्राप्त जज व उपभोक्ता फोरम के पूर्व चेयरमैन विजय प्रकाश मिश्र बताते हैं कि विपक्षी द्वारा नोटिस प्राप्त होने के तीन महीने के अंदर उपभोक्ता फोरम को किसी उपभोक्ता की शिकायत पर अपना निर्णय करना चाहिए। यदि शिकायत से संबंधित वस्तु या सामग्री का प्रयोगशाला में परीक्षण होना है तो ऐसी शिकायत पर उपभोक्ता फोरम को पांच महीने में अपना निर्णय ले लेना चाहिए।
कौन सी शिकायत कर सकते हैं
- वस्तुओं, सेवाओं अथवा सेवाओं की गुणवत्ता, मानक अथवा ग्रेड के बारे में (मौखिक या लिखित रूप से) गलत जानकारी देना।
- पुरानी चीजों को नई चीज बताकर बेचने के लिए पेश करना।
- किसी वस्तु और सेवा के प्रायोजक, उसके इस्तेमाल के प्रति सहमति देने वाले, वस्तु की कार्यकुशलता अथवा फायदों के बारे में झूठे दावे करना।
- किसी वस्तु की बिक्री बढ़ाने के लिए कोई प्रतियोगिता या लॉटरी आयोजित करना।
- किसी खरीद पर उपहार, पुरस्कार तथा अन्य वस्तुओं की पेशकश इस तरह करना जैसे ये चीजें मुफ्त में दी जा रही हों, जबकि सौदे में कुल मिलाकर इन चीजों की पूरी या आंशिक कीमत वसूल कर ली गई हो।
- चीजों या सेवाओं की कीमतें बढ़ाने के लिए उनकी जमाखोरी करना, चीजों को नष्ट कर देना। वस्तुओं या सेवाओं को बेचने से मना कर देना।
- चीजों में खराबी या गड़बड़ी होना जो सेवाएं ली गई हों या जिनके लेने पर सहमति हुई हो, उनमें खराबी होना।
ऐसे दर्ज कराएं शिकायत
- सक्षम फोरम में न्याय शुल्क देकर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। शिकायत दर्ज कराने के लिए स्टैंप पेपर की भी जरूरत नहीं होती है।
- उपभोक्ता फोरम में पंजीकृत डाक से भी शिकायत भेज सकते हैं ।
- उपभोक्ता का अधिकृत एजेंट भी शिकायत दर्ज करा सकता है। वह उपभोक्ता की ओर से शिकायत पर हस्ताक्षर भी कर सकता है।
- शिकायत साफ-साफ और स्पष्ट लिखी होनी चाहिए। टाइप कराकर भी भेज सकते हैं ।
- शिकायत करने वाले का नाम, पता तथा अन्य ब्योरा हो। विरोधी पक्ष का नाम, पता तथा अन्य बातें हों।
- अपने आरोप के प्रमाण में कागजात (रसीदें आदि) रखें।