होम आइसोलेट हैं तो पल्स आक्सीमीटर से ऐसे करें आक्सीजन लेबल की जांच Gorakhpur News

कोरोना संक्रमितों या इससे जुड़े लक्षण वाले मरीजों के लिए पल्स आक्सीमीटर से जांच वरदान साबित हो रही है। लोग घर बैठे ही आक्सीजन के गिर रहे स्तर की जांच कर तत्काल सतर्क हो जा रहे हैं। बार-बार जांच की बजाए चार से छह घंटे में जांच करें।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 08:05 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 07:05 PM (IST)
होम आइसोलेट हैं तो पल्स आक्सीमीटर से ऐसे करें आक्सीजन लेबल की जांच Gorakhpur News
शरीद में आक्सीजन के स्तर की जांच करने वाला पल्स आक्सीमीटर। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के खूनीपुर निवासी एक व्यापारी को कोराना संक्रमण हुआ तो उन्होंने खुद को घर में आइसोलेट कर लिया। डाक्टर ने उन्हें दवाओं के बारे में बताया। साथ ही पल्स आक्सीमीटर से शरीर में आक्सीजन के स्तर की जांच को कहा। एक दिन बाद उनके पास पल्स आक्सीमीटर पहुंचा। हाथ की तर्जनी में उन्होंने खड़े-खड़े ही आक्सीमीटर लगा दिया। रीडिंग देखकर उनको चक्कर आने लगा।

डाक्टर को फोन कर बताया कि आक्सीजन का स्तर 90 हो गया है। डाक्टर भी घबरा गए। हालांकि उन्होंने बैठकर फिर से हाथ की बीच वाली उंगली में आक्सीमीटर लगाने को कहा। इस बार आक्सीजन का स्तर 96 आया। तब सभी ने राहत की सांस ली। कोरोना संक्रमितों के इलाज में वरदान बना पल्स आक्सीमीटर थोड़ी सी नासमझी से लोगों की जान हलक में ले आ दे रहा है। जांच का तरीका न मालूम होने के कारण कोरोना संक्रमित परेशान हो जा रहे हैं।

ऐसे करें जांच

पहले कुर्सी पर बैठ जाएं

हाथ के बीच वाली उंगली में पल्स आक्सीमीटर लगाएं।

यदि 95 से ज्यादा आक्सीजन का स्तर है तो अच्छा।

यदि 95 से कम आक्सीजन का स्तर आ रहा है तो एक-एक कर हाथ की सभी उंगलियों में आक्सीमीटर लगाएं।

जिस उंगली में आक्सीजन का स्तर ज्यादा आए, उसे ही सही माना जाए

निमाेनिया और हार्ट अटैक में होती थी जांच

कोरोना शुरू होने से पहले पल्स आक्सीमीटर से निमोनिया और हार्ट अटैक वाले मरीजों के शरीर में आक्सीजन के स्तर की जांच की जाती थी। अब डाक्टर खांसी व सांस लेने में दिक्कत वाले हर मरीज को जांच की सलाह देते हैं।

कोरोना संक्रमितों या इससे जुड़े लक्षण वाले मरीजों के लिए पल्स आक्सीमीटर से जांच वरदान साबित हो रही है। लोग घर बैठे ही आक्सीजन के गिर रहे स्तर की जांच कर तत्काल सतर्क हो जा रहे हैं। बार-बार जांच की बजाए चार से छह घंटे में जांच करें। हाथ की बीच वाली उंगली में हार्ट से दो नसें आती हैं। इसलिए इस उंगली की जांच रिपोर्ट ज्यादा अच्छी होती है। जांच करते समय हाथ न हिलाएं और यदि बीच में वाली उंगली में आक्सीजन का स्तर कम आ रहा है तो बिना घबराए बारी-बारी से सभी उंगलियों में जांच करें। जिसमें ज्यादा स्तर आए उसे ही मानें। - डा. ओंकार राय, वरिष्ठ फिजिशियन

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