Flood Denget in India: बंधों की मरम्मत नहीं, फिर तबाही मचाएगा नेपाल का पानी

Flood Denget in India बंधों की मरम्मत का कार्य अब तक आरंभ नहीं हो सका है। जगह-जगह बने रैट होल व रेन कट्स विभागीय लापरवाही की पोल खोल रहे हैं। रोहिन नदी नेपाल से उतरकर नौतनवा से फरेन्दा क्षेत्र होते हुए पनियरा ब्लाक के गांवों में तबाही मचाती है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 06:30 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 07:58 PM (IST)
Flood Denget in India: बंधों की मरम्मत नहीं, फिर तबाही मचाएगा नेपाल का पानी
हर साल तबाही मचाने वाला महाव नाला, जागरण।

महराजगंज, जेएनएन। नेपाल से आने वाली पहाड़ी नदियों का पानी तराई के महराजगंज जिले में तबाही मचाने को तैयार है। बारिश का मौसम आते ही नदी किनारे रहने वाले लोगों के होश उड़ गए हैं। विभागीय लापरवाही का आलम यह है कि बंधों की मरम्मत का कार्य अब तक आरंभ नहीं हो सका है। जगह-जगह बने रैट होल व रेन कट्स विभागीय लापरवाही की पोल खोल रहे हैं। जिले के 20 स्थानों पर बने 187 किमी लंबे बांध पूरी तरह से उपेक्षा के शिकार हैं। रोहिन नदी नेपाल से उतरकर नौतनवा से फरेन्दा क्षेत्र होते हुए पनियरा ब्लाक के गांवों में तबाही मचाती है। वहीं राप्ती धानी क्षेत्र में तबाही की इबारत लिखती है। महाव नाला हर साल हजारों एकड़ धान की फसल को बर्बाद कर देता है। यह नदियां पहाड़ों से उतरकर जनपद के मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करतीं हैं। चंदन नदी नेपाल के नवलपरासी जनपद स्थित शंकरपुर के पास से होकर निकली है। आगे आकर सुगौली के पास यह झरही और चंदन नदी में तब्दील हो गई है। नेपाल में इसे घोला नदी , जबकि भारत में चंदन नदी के नाम से जाना जाता है।

जर्जर हैं सभी नदियों के बांध

जिले में स्थित सभी नदियों के बांध जर्जर अवस्था में पहुंच गए हैं। रोहिन, राप्ती , छोटी गंडक, बड़ी गंडक के बांध में रेनकट््स व रैटहोल बने हुए हैं। नदी में बाढ़ आते ही तीव्र धारा बांध को तोड़ देती है , जिससे हजारों एकड़ फसल के साथ सैकड़ों गांव तबाह हो जाते हैं। रोहिन नदी के सोनराडीह, अमहवा, कुडिय़हवा , बसहवा, कुडिय़ा, सेमरहवां, बसहवा, अराजीसुवाइन आदि स्थानों पर बने रैटहोल और रेनकट्स जर्जर बांध की गवाही दे रहे हैं।

पहाड़ी तीन नदियों से निकला है महाव नाला

महाव नाले के उद्गम पर गौर करें तो यह नाला नेपाल के बुटवल-नारायण घाट पूरब-पश्चिम राजमार्ग स्थित तीन छोटे-छोटे पहाड़ी नदियों से निकला है। उन नदियों में तूरिया, पानभार व उसकी सहायक नदी तिलकाना शामिल है। इन नदियों के संगम से निकले नदी को भारत में महाव नाले का नाम दिया गया है। हालत यह है कि नाला टूटने से नेपाल से आई रेत से पट कर भारतीय क्षेत्र के उपजाऊ खेत बर्बाद हो जाते हैं।

नेपाल में बने बंधों का भी बुरा हाल

नेपाल के नवलपरासी जिले में नारायणी नदी के किनारे बनाए गए बंधों का भी बुरा हाल है। भारत- नेपाल के बीच हुए समझौते के मुताबिक इन बंधों की मरम्मत भारत द्वारा कराई जाती है। हफ्ते भर पूर्व दौरे पर आए प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह यहां मरम्मत कार्य में लापरवाही देखकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने संबंधित जेई, एई व ठीकेदार के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे।

नेपाल में बने बांध-बांध लंबाई

बी-गैप 12 किमी

लिंक चार किमी

ए-गैप तीन किमी

नेपाल पांच किमी

महराजगंज जनपद के नदियों की लंबाई

नदी लम्बाई किमी. में

रोहिन 52.740

चंदन/प्यास 16.00

बड़ी गंडक 20.800

छोटी गंडक 19.300

महाव नाला 21.00

नेपाल में गंडक नदी की लम्बाई-24.01

सिंचाई खंड दो महराजगंज के अधिशासी अभियंता राजीव कपिल का कहना है कि बाढ़ आने से पूर्व सभी बंधों की मरम्मत करा दी जाए, इसका प्रयास हो रहा है। शासन से अभी मरम्मत के लिए धन नहीं मिला है। धन स्वीकृति होने ही कार्य में तेजी आएगी।

chat bot
आपका साथी