गोरखपुर मेडिकल कालेज में स्टीकर सेे होगी कोरोना मरीज की पहचान, सिर पर लगाया जा रहा स्टीकर Gorakhpur News
बाबा राघवदास मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में भर्ती के लिए आ रहे मरीजों के सिर पर लगा स्टीकर उनकी पहचान बताएगा। वार्ड में भर्ती होने के बाद यह स्टीकर मरीज के सिर से हटाकर बेड हेड टिकट (बीएचटी) पर लगाया जाता है।
गोरखपुर, जेएनएन : बाबा राघवदास मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में भर्ती के लिए आ रहे मरीजों के सिर पर लगा स्टीकर उनकी पहचान बताएगा। वार्ड में भर्ती होने के बाद यह स्टीकर मरीज के सिर से हटाकर बेड हेड टिकट (बीएचटी) पर लगाया जाता है। सिर पर स्टीकर लगाने को लेकर कुछ मरीज एतराज भी कर रहे हैं, लेकिन व्यवस्था का हवाला देकर कर्मचारी उन्हें शांत करा दे रहे हैं।
मेडिकल कालेज में बढ़ाई गई बेडों की संख्या
कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे तो बाबा राघवदास मेडिकल कालेज के कोविड अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ायी गई। गंभीर हालत में आए कई मरीज अपना नाम नहीं बता पा रहे थे, तो डाक्टरों ने मरीजों के सिर पर स्टीकर लगाने की व्यवस्था बनाई। कोविड अस्पताल के नोडल अधिकारी डा.राजकिशोर सिंह ने कहा कि मरीजों की पहचान और तत्काल बेहतर इलाज देने के लिए स्टीकर लगाने की व्यवस्था शुरू की गई है।
हेल्प डेस्क पर जानकारी नहीं, भटक रहे स्वजन
कोविड अस्पताल में बनी हेल्प डेस्क मरीजों के स्वजन की पूरी मदद नहीं कर पा रही है। मरीजों का हाल जानने के लिए कोविड हेल्प डेस्क पहुंच रहे स्वजन को जानकारी देने में वहां मौजूद कर्मचारी असमर्थता जता रहे हैं। कभी आइसीयू वार्ड का इंटरकाम खराब होने तो कभी किसी के फोन न रिसीव करने का हवाला देकर स्वजन को वापस भेजा जा रहा है। जिन मरीजों के पास मोबाइल फोन है, उनका ही हाल स्वजन को मिल पा रहा है।
खाद्य सामग्री व कपड़े भेजने के लिए देने पड़ रहे रुपये
मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों तक भोजन व कपड़े पहुंचाने के लिए स्वजन को रुपये देने पड़ रहे हैं। शुक्रवार को एक स्वजन ने अस्पताल में मौजूद डाक्टरों से कर्मचारियों की शिकायत की। बताया कि बिना रुपये लिए मरीजों तक भोजन भी नहीं पहुंचाया जा रहा है। नोडल अधिकारी ने कहा कि कोविड अस्पताल में इलाज के लिए रुपये नहीं लिए जाते हैं। कोई रुपये मांग रहा है तो स्वजन इसकी लिखित शिकायत करें। कार्रवाई की जाएगी।