सिद्धार्थनगर में भारत-नेपाल बॉर्डर के निकट रहस्यमय तरीके से सैकड़ों कौवों की मौत
सिद्धार्थनगर में कपिलवस्तु में करीब पांच सौ कौवों की मौत हो गई है। कारण का पता नही चल पाया है। यह स्थान बॉर्डर से करीब एक किलोमीटर है। ग्रामीणों ने देखा कि कौवों के झुंड खेतों की तरफ मरे पड़े हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में भारत-नेपाल बॉर्डर के निकट को कौवों के मरने की सूचना से खलबली मच गई। यह कौवे 5जी के ट्रॉयल से मरे हैं या फिर किसी अन्य बीमारी से इस पर वन विभाग किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहा। फिलहाल विभाग जांच कराने के बाद स्थिति क्लियर कर पाएगा।
पांच सौ कौए एक साथ मरे: कपिलवस्तु कोतवाली क्षेत्र के मजिगवा गांव के पास करीब पांच सौ कौवों की मौत हो गई है। कारण का पता नही चल पाया है। यह स्थान बॉर्डर से करीब एक किलोमीटर है। ग्रामीणों ने देखा कि कौवों के झुंड खेतों की तरफ मरे पड़े हैं। इनकी संख्या पांच सौ से अधिक बताई जा रही है।
बर्ड फ्लू की भी आशंका: इस बारे में डीएफओ आकाश दीप बधावन ने कहा कि मौसम में अचानक बदलव के कारण ऐसा हो सकता है। बर्ड फ्लू की भी आशंका है। 5जी रेडिएशन से पक्षियों के मरने के बावत पूछे जाने पर डीएफओ ने बताया कि यह शोध का विषय है। इसपर वे कुछ भी नहीं कह सकते।
ग्रामीणों में दहशत: बॉर्डर क्षेत्र में अचानक कौवों के मरने से बॉर्डर क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है। गांव के नरेंद्र मिश्र ने कहा कि इस तरह कौवों की मौत की जानकारी होते ही मन मे घबराहट होने लगी है। किसी बड़ी घटना के पहले का अंजाम भी हो सकता है। मैंने अपने जीवन मे इस तरह पंक्षियों के मरते हुए नहीं देखा है। यह पड़ोसी मुल्क नेपाल का भी करतूत हो सकता है। क्योंकि चीन देश नेपाल के रास्ते किसी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। बृज किशोर चौधरी ने कहा कि कौवों के मौत का कारण जानने के लिए वन विभाग को गहनता से जांच करनी चाहिए। 5जी के ट्रायल का भी नतीजा ही सकता है। क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में मरना बड़ी बात है। किसी बड़ी अनहोनी की आशंका से लोग डरे हुए हैं।