महराजगंज में नाले का जलस्तर बढ़ने से सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न
क्षेत्र से होकर बहने वाले झरही नदी सोनिया नाला महाव नाला बघेला नाला रोहिन नदी डंडा नाला आदि के ऊफानते ही इसके समीप बसे गांवों के किसान सहम जा रहे हैं। महाव नाला पहले से ही चार स्थानों पर बांध को तोड़कर सैकड़ों एकड़ खेतों को जलमग्न कर चुका है।
महराजगंज : नौतनवा तहसील क्षेत्र से होकर बहने वाले पहाड़ी नदी-नाले का जलस्तर बढ़ने से सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन व सिचाई विभाग समय रहते बाढ़ से बचाव का कोई ठोस इंतजाम नहीं किया, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
क्षेत्र से होकर बहने वाले झरही नदी, सोनिया नाला, महाव नाला, बघेला नाला, रोहिन नदी, डंडा नाला आदि के ऊफानते ही इसके समीप बसे गांवों के किसान सहम जा रहे हैं। महाव नाला पहले से ही चार स्थानों पर बांध को तोड़कर सैकड़ों एकड़ खेतों को जलमग्न कर चुका है। जिसकी छह दिन बाद भी मरम्मत नहीं कराई जा सकी है। वहीं इसके समीप से होकर बहने वाला बघेला व सोनिया नाला भी ऊफान पर आते ही तबाही मचाना शुरू कर दे रहा है। ग्रामीण ज्ञानचंद यादव, दीर्घ नारायण, संजय यादव, मोईन खान का कहना है कि झाड़ - झंखाड़ से पटे बघेला नाला का प्रवाहमार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है । जिससे नाला ओवर फ्लो कर बेलभार, रेहरा, महुलानी, परसा, भरटोलिया, विषखोप, जिगिना, गंगापुर, करौता, गंगवलिया गांवों के सिवान में तबाही मचा दे रहा है। जबकि सोनिया नाले का पानी कचरियहवा, बड़हरा, सेमरहना, धुमठवा, पड़रहवा गांव के सिवान में फैलकल तबाही मचा रहा है। इससे धान की रोपाई में जुटे किसानों के सामने मुश्किल हालात पैदा हो गए हैं। हाल ही में धान की रोपाई कर चुके सेमरहना गांव के किसान रामचंद्र पाल, सितई पाल, ओमप्रकाश, रमाशंकर आदि ने बताया कि सोनिया नाले की बाढ़ से रोपी गई धान की फसल डूब जाने इसके नष्ट होने का खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीण अगस्त मुनि चौधरी, अरुण त्रिपाठी, मनदीप यादव ने कहा कि राजस्व विभाग व स्वास्थ्य विभाग के लोग बाढ़ प्रभावित गांवों की सुधि नहीं ले रहे हैं। बाढ़ बचाव के लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। हल्का लेखपाल व राजस्व निरीक्षकों को क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने व उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं।
-रामसजीवन मौर्य, उपजिलाधिकारी, नौतनवा