सरकार की सूची से बाहर होंगे मरीजों का भरोसा तोडऩे वाले अस्पताल Gorakhpur News
आयुष्मान भारत योजना में चयनित अस्पताल बार-बार कहने के बाद भी योजना में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अब ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध उन अस्पतालों को बाहर किया जाएगा जिन्होंने स्वास्थ्य विभाग व आम जनता का भरोसा तोड़ा है। बड़ी संख्या में अस्पतालों ने एक-दो केस करके अपना काम चला लिया है, बार-बार कहने के बाद भी वे इस योजना में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इससे सरकार की मंशा के अनुरूप आम आदमी को लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे अस्पतालों को सूची से बाहर करने की तैयारी चल रही है।
निशाने पर हैं ऐसे अस्पताल
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित अनेक निजी अस्पतालों को इस योजना से इसलिए जोड़ा गया था कि जो सुविधाएं सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल पातीं, वे मरीजों को आसानी से उपलब्ध हो सकें। 10 सिंगल स्पेशलिटी व 50 मल्टी स्पेशलिटी अस्पतालों सहित कुल 84 अस्पतालों को सूची में शामिल किया गया। बड़ी संख्या में मरीज लाभान्वित भी हुए। लेकिन जिन अस्पतालों ने रुचि नहीं दिखाई उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है। लगभग 15 अस्पताल ऐसे हैं जिन्होंने एक साल में 10 से कम केस किया है। प्रथम चरण में स्वास्थ्य विभाग के निशाने पर ये ही अस्पताल हैं। 23 अस्पतालों ने 100 से ज्यादा केस किया है। अन्य अस्पताल 50 से 100 के बीच में मरीजों को लाभ पहुंचा पाए हैं।
15250 मरीज हुए लाभान्वित
जिले में कुल 3,06,698 लाभार्थी हैं, जिसमें से गत गुरुवार तक 15250 लाभान्वित हो चुके हैं। 67 हजार से अधिक परिवार मिले ही नहीं, जिनका सत्यापन नहीं हो पाया है। उनके सत्यापन के लिए नये सिरे से तैयारी की जा रही है।
कुछ अस्पतालों ने बहुत अच्छा काम किया है लेकिन कुछ बिल्कुल नहीं करना चाह रहे हैं। 15 अस्पताल ऐसे हैं जिन्होंने एक साल से अधिक समय में 10 से कम केस किया है। ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। शेष अस्पतालों को अधिक केस करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। - डॉ. नीरज कुमार पांडेय, नोडल अधिकारी, आयुष्मान भारत योजना।