बंद रहता है अस्पताल का शौचालय, परेशानी
जिले की सबसे अहम बेवां सीएचसी का हाल बदहाल है। 200 गांवों के इलाज का जिम्मेदार यह अस्पताल समस्याओं से जूझ रहा है जिसके चलते आने वाले मरीजों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है। विधायक के निरीक्षण व नसीहत का असर भी यहां नहीं देखने को मिल रहा है।
सिद्धार्थनगर :जिले की सबसे अहम बेवां सीएचसी का हाल बदहाल है। 200 गांवों के इलाज का जिम्मेदार यह अस्पताल समस्याओं से जूझ रहा है, जिसके चलते आने वाले मरीजों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है। विधायक के निरीक्षण व नसीहत का असर भी यहां नहीं देखने को मिल रहा है। अस्पताल परिसर में बने सभी शौचालय में ताला बंद रहता है जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को शौच के लिए आसपास के खेतों में जाना पड़ता है। इमरजेंसी के पास बने शौचालयों को भी बंद रखा जाता है। जानकारी होने के बावजूद भी स्वास्थ्य महकमा इसे नजर अंदाज किए हुए है। अस्पताल में पुरुष व महिला के लिए अलग-अलग शौचालय का निर्माण लाखों की लागत से हुआ, बावजूद इसके शौचालय का दरवाजा हमेशा बंद रहता है। ऐसे में मरीजों को ही नहीं तैनात स्टाफ भी परेशान होते हैं। सर्वाधिक समस्या महिलाओं को होती है। इलाज को आए ठाकुर प्रसाद वर्मा, माया देवी, शांति, हनुमान, मुस्तफा व रुखसाना ने बताया कि शौचालय तो बना है लेकिन किस काम का जब उसमें ताला बंद रहता है। जरूरत पड़ने पर परेशान होना पड़ता है। अधीक्षक रामगुलाम ने कहा सफाई के दौरान शौचालय बंद रहते हैं। सफाई के बाद खोले जाते हैं। चकरोड पाटने से ग्रामीण आक्रोशित सिद्धार्थनगर : विकास खंड खेसरहा के ग्राम पंचायत ढढौरा के टोला देऊरगांवा में गेहूं की बोआई के बाद चकरोड पाटने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत खंड विकास अधिकारी से करते हुए अविलंब कार्य बंद कराने की मांग किया है।
ग्रामीणों ने शिकायत पत्र में कहा कि ग्राम प्रधान चुनावी कुंठा से ग्रसित होकर खेत की बुआई के बाद चकरोड पाटने का कार्य शुरू किया, जिससे दो दर्जन से अधिक किसानों की गेहूं की फसल बर्बाद हो रही है। ग्राम पंचायत के अजय कुमार ने खंड विकास अधिकारी को पत्र के माध्यम से कहा है कि अब गेहूं की सिचाई का समय है। ऐसे में चकरोड़ को पाटा जाना नियम विरुद्ध भी है। यदि अविलंब चकरोड़ पटाई का कार्य बंद नही हुआ तो हम ग्रामीण ब्लाक गेट पर धरना देने को बाध्य होंगे। बीडीओ राजकुमार का कहना था कि ग्राम पंचायत सचिव को जांच करने के लिए सौंपा गया है। वैसे किसानों की फसलों का नुकसान होने नहीं दिया जाएगा।