होम आइसोलेट मरीजों को बड़ी राहत, घर पर निश्शुल्क मिलेगा आक्सीजन कंसंट्रेटर

Oxygen Crisis In Gorakhpur कोरोना मरीजों को आक्सीजन सिलेंडर मिल नहीं रहे हैं। इसे देखते हुए श्याम मंडल ट्रस्ट राणी सती दादी परिवार रोटरी क्लब नाइन फाउंडेशन व रोटरी मिडटाउन ने मिलकर यह शुरुआत की है। ताकि आक्सीजन की कमी से किसी मरीज की जान न जाने पाए।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 09:02 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:36 PM (IST)
होम आइसोलेट मरीजों को बड़ी राहत, घर पर निश्शुल्क मिलेगा आक्सीजन कंसंट्रेटर
गोरखपुर में कई स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं ने लोगों को ऑक्‍सीजन उपलब्‍ध कराने की मुहिम शुरू की है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। आक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीजों की जान बचाने के लिए स्वयं सेवी संस्थाएं आगे आई हैं। कई संस्थाओं ने मिलकर होम आइसोलेट कोरोना मरीजों को निश्शुल्क आक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराने की पहल की है। 20 मशीनें आ चुकी हैँ। मंगलवार से इसकी शुरुआत हो गई। सभी मशीनें मरीजों के पास पहुंचा दी गई हैं। इस सप्ताह सौ और मशीनें आ जाएंगी। इससे घर पर इलाज करा रहे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

आक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीजों को मिलेगी राहत, घर पर हो सकेगा इलाज

शहर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अस्पतालों में बेड खाली न होने से मजबूरी में लोग घर पर ही इलाज करा रहे हैं। उनके सामने बड़ी दिक्कत पैदा हो जा रही है जिनका आक्सीजन स्तर कम होने लग रहा है। लोगों को आक्सीजन सिलेंडर मिल नहीं रहे हैं। इसे देखते हुए श्याम मंडल ट्रस्ट, राणी सती दादी परिवार, रोटरी क्लब, नाइन फाउंडेशन व रोटरी मिडटाउन सहित अनेक संस्थाओं ने मिलकर यह शुरुआत की है। ताकि आक्सीजन की कमी से किसी मरीज की जान न जाने पाए।

क्या है आक्सीजन कंसंट्रेटर

जिला अस्पताल के फिजिशियन डा. राजेश कुमार ने बताया कि आक्सीजन कंसंट्रेटर एक मशीन होती है। जिसमें आक्सीजन भरने की जरूरत नहीं पड़ती। यह हवा को अपने अंदर खींचकर उसमें से अन्य गैसों को अलग कर मरीज को शुद्ध आक्सीजन देती है। यह मशीन हो तो आक्सीजन सिलेंडर की जरूरत नहीं पड़ती। एक कसंट्रेटर एक मिनट में पांच से 10 लीटर आक्सीजन की आपूर्ति कर सकता है।

अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं को भी आगे आना चाहिए। आम लोगों के पास जरूरत की जो भी चीजें हैं उन्हें स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से जरूरतमंदों तक पहुंचाने की जरूरत है। यह संकट का समय है। हम सभी मिलकर कार्य करेंगे तो ही इससे उबर पाएंगे। यदि किसी के पास दवाएं बची हों तो उसे भी लोगों को उपलब्ध कराएं। - अमर तुलस्यान, निदेशक, नाइन फाउंडेशन

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