हियुवा पदाधिकारियों ने डीएम से की मुलाकात, समस्‍या का हुआ समाधान Gorakhpur News

हिंदू यूवा वाहिनी के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर पूरी जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि पत्रावली त्रुटिपूर्ण होने के नाते इलाज में बाधा उत्‍पनन्‍न हो गई है। उन्‍होंने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि त्रुटि को तत्‍काल दूर किया जाए ताकि पीडि़त का इलाज हो सके।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 04:50 PM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 04:50 PM (IST)
हियुवा पदाधिकारियों ने डीएम से की मुलाकात, समस्‍या का हुआ समाधान Gorakhpur News
गोरखपुर के डीएम के विजयेंद्र पाण्डियन की फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। हिंदू युवा वाहिनी (हियुवा) के पदाधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन से मुलाकात कर मोहम्मद आजम को चिकित्सा सहायता दिलाने के लिए शासन को भेजी गई त्रुटिपूर्ण पत्रावली में अविलंब सुधार कराने की मांग की है। हियुवा पदाधिकारियों से बातचीत के बाद जिलाधिकारी ने पत्रावली में सुधार कर शासन को भेजने का निर्देश दिया है।

महानगर के हुमायूंपुर उत्तरी मोहल्ला निवासी मोहम्मद आजम का किडनी प्रत्यारोपण हुआ है। इसके बाद लखनऊ के डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में उपचार चल रहा है। हियुवा के महानगर संयोजक ऋषि मोहन वर्मा के साथ मोहम्मद आजम ने मुख्यमंत्री से मिलकर चिकित्सा सहायता के लिए गुहार लगाई थी। इस संबंध में इस साल जनवरी में जिलाधिकारी कार्यालय से भेजी गई पत्रावली त्रुटिपूर्ण होने की वजह से आठ माह बाद भी चिकित्सा सहायता मंजूर नहीं हो पाई है। उसके बाद हिंदू यूवा वाहिनी के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर पूरी जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि पत्रावली त्रुटिपूर्ण होने के नाते इलाज में बाधा उत्‍पनन्‍न हो गई है। उन्‍होंने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि त्रुटि को तत्‍काल दूर किया जाए ताकि पीडि़त का इलाज हो सके। प्रतिनिधि मंडल में हियुवा के प्रदेश महामंत्री इंजीनियर पीके मल्ल, महानगर संयोजक ऋषि मोहन वर्मा, महानगर अध्यक्ष रणंजय सिंह जुगनू, महानगर महामंत्री आशीष गुप्त, महानगर कोषाध्यक्ष संदीप शर्मा शामिल थे।

डॉ. सौरभ ने निश्शुल्क किया रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन

राप्ती नगर के आनंद विहार कालोनी निवासी 15 वर्षीय मेधावी श्रीवास्तव को गोरखपुर के डॉक्टर ने नया जीवन दिया। रीढ़ की हड्डी का न्यूरो सर्जन डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने निश्शुल्क ऑपरेशन कर उनकी खुशियां लौटा दीं। उठने- बैठने में असमर्थ मेधावी की समस्या अब दूर हो गई। छह साल पहले एम्स, दिल्ली में मेधावी का स्पाइन की टीबी का ऑपरेशन हुआ था। कुछ दिन बाद दोनों पैरों की ताकत चली गई। पिछले दो साल से वह लकवे तथा रीढ़ की हड्डी के टेढ़ेपन के कारण पेट के बल लेटने तथा बैठने में असमर्थ थी। शहर और आसपास के अनेक न्यूरो सर्जन ने इस केस को हाथ मे लेने से मना कर दिया। लॉकडाउन की समस्या और पैसे की तंगी के कारण वह दोबारा एम्स भी नहीं जा पाई। मेधावी के स्वजन डॉ. सौरभ श्रीवास्तव से संपर्क किया। उनकी आर्थिक स्थिति देखते हुए डा. सौरभ ने निश्शुल्क ऑपरेशन किया। डॉ. सौरभ का कहना है कि उसके घाव सूखने के बाद एक और सर्जरी की योजना है। मरीज के पिता नवनीत श्रीवास्तव ने बताया कि ऑपरेशन में एक भी पैसे नहीं लगे।

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