इतिहास बनने की ओर कुशीनगर ऐतिहासिक गांव बरवापट्टी

कुशीनगर का यह गांव नारायणी की कटान वजह से रोज बदल रहा नक्शा प्रशासन की ओर से की जा रही उपेक्षा गांव आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक काफी चर्चित रहा है 150 वर्ष पूर्व वजूद में आए इस गांव में फिल्म अभिनेताओं ने भी जन्म लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 05:00 AM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 05:00 AM (IST)
इतिहास बनने की ओर कुशीनगर ऐतिहासिक गांव बरवापट्टी
इतिहास बनने की ओर कुशीनगर ऐतिहासिक गांव बरवापट्टी

कुशीनगर: जिले का ऐतिहासिक गांव बरवापट्टी को एक बार फिर नारायणी की नजर लग गई है। कटान से हर पल गांव का नक्शा बदल रहा है। आजादी के दीवानों का यह गांव हुक्मरानों व प्रशासन की अनदेखी के चलते नारायणी के कहर से फिर तबाह होने के कगार पर है।

लगभग 150 वर्ष पूर्व वजूद में आए शहीदों, समाजसेवी व फिल्मकारों के इस गांव का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां के लोगों ने देश की आजादी के लिए गांधीजी द्वारा चंपारण से चलाए गए आंदोलन में चढ़-बढ़ कर हिस्सा लिया। राजनीति के क्षेत्र में इस गांव के सपूत और पडरौना से 1960 से 1973 तक विधायक रहे स्व. चन्द्रदेव तिवारी, जिलाध्यक्ष रहे आशुतोष तिवारी उ़र्फ राधे, संतोष तिवारी आदि के द्वारा समाज के प्रति किए गए योगदान के लिए भी ये गांव जाना जाता है। भोजपुरी फिल्मों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले अभिनेता विनोद तिवारी, निर्देशक व अभिनेता मनोज तिवारी का गांव सरकारी रहनुमाओं की उपेक्षा का शिकार है। चार दशक पूर्व यह गांव मौजूद स्थान से तीन किमी उत्तर दिशा में फैला हुआ था। तब नारायणी नदी यहां से चार किमी उत्तर दिशा में बहती थी। 1980 में नारायणी ने रुख बदल चार सौ घरों को अपने आगोश में ले लिया और यह गांव इतिहास बन गया। फिर लोगों ने एक-एक ईट रख कर बुलंद भविष्य की बुनियाद रखी, लेकिन सरकार व प्रशासन के अनदेखी से इतिहास फिर से दोहराया जा रहा है। गांव को नदी से बचाने के लिए बने रिग बांध के स्पर का 70 फीसद हिस्सा नदी के पेट में समाहित हो चुका है। गांव में बसे लोगों को भविष्य की चिता सताए जा रही है। दो सौ एकड़ खेत नदी में समा चुका है और गांव पर नारायणी की तिरछी नजर है। धीरज तिवारी, अंगद गुप्ता, विनय तिवारी, राजन तिवारी, प्रमोद तिवारी, बबलू तिवारी, त्रिपुरारी, वीरेंद्र तिवारी आदि ने कहा की हम प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं।

बांध को कटने नहीं दिया जाएगा : डीएम

डीएम एस राज लिगम ने कहा की स्थिति भयावह है। प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर काम करवाया जा रहा है। बांध को कटने नहीं दिया जाएगा।

बांध को लेकर गंभीर है सरकार : सांसद

देवरिया के सांसद डा. रमापति त्रिपाठी ने कहा की बांध को लेकर सरकार गंभीर है। बांध बचाव कार्य में कही से धन की कमी नहीं होगी। बांध कटा तो जिम्मेदार बख्शे नहीं जाएंगे।

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