यहां कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर दिया जा रहा जोर Gorakhpur News

कोरोना की दूसरी लहर ने आम हो खास सभी को हिलाकर रख दिया था। कोरोना से इतने लोग गंभीर रूप से संक्रमित हुए कि मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था नाकाफी साबित हुई। हालांकि लगातार सुविधाएं बढ़ाने पर जोर देते हुए शासन-प्रशासन ने कुछ हद तक स्थिति नियंत्रण में कर ली है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 01:10 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 01:10 PM (IST)
यहां कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर दिया जा रहा जोर Gorakhpur News
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की कर रहे तैयारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : कोरोना की दूसरी लहर ने आम हो खास, सभी को हिलाकर रख दिया था। कोरोना से इतने लोग गंभीर रूप से संक्रमित हुए कि मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था नाकाफी साबित हुई। हालांकि लगातार सुविधाएं बढ़ाने पर जोर देते हुए शासन-प्रशासन ने अब कुछ हद तक स्थिति नियंत्रण में कर ली है। अस्पतालों में आक्सीजन बेड के लिए लाइन नहीं लग रही और आक्सीजन भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। जिले में कोरोना से जुड़ी दवाओं की भी कोई कमी नहीं रह गई है। इसके बावजूद प्रशासन सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दे रहा है। दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कुछ कम होने का संकेत मिलने के साथ ही प्रशासन तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में जुट गया है।

बच्‍चों व किशोरों पर बताया जा रहा अधिक खतरा

तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों द्वारा अभी तक जितने भी अनुमान व्यक्त किए गए हैं, उनमें बच्चों व किशारों पर अधिक खतरा बताया गया है। यही कारण है कि पीडियाट्रिक आइसीयू की व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने हर मंडल में 100 बेड के पीडियाट्रिक आइसीयू बनाने का निर्देश दिया है। गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कालेज में बने 500 बेड अस्पताल में से ऊपर के दो तल इसके लिए आरक्षित करने की तैयारी है। चूंकि इंसेफ्लाइटिस के मामले भी अब कम आ रहे हैं, इसलिए उन वार्डों का भी जरूरत पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त जिले में अधिकतर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर भी पीडियाट्रिक आइसीयू की व्यवस्था होगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को लाभ मिल सके।

जिले के 20 सीएचसी में व्‍यवस्‍था करने की योजना

जिले के 23 सीएचसी में से 20 में इस तरह की व्यवस्था करने की योजना बनाई गई है। जनप्रतिनिधियों के माध्यम से आक्सीजन जेनरेशन प्लांट भी सीएचसी पर लगाए जा रहे हैं। तीन सीएचसी पर प्लांट लगाने की मंजूरी भी मिल गई है। इसके साथ ही हर सीएचसी पर करीब 50-50 बेड के कोविड अस्पताल बनाने की भी योजना है। जिले में 200 बेड के शुरू होने वाले दो अस्पताल भी तीसरी लहर से निपटने में काफी कारगर होंगे। इसके अतिरिक्त इंडियन आयल एवं उर्वरक कंपनियों की ओर से भी आक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं।

कर्मचारियों की कमी दूर करने की कोशिश

तीसरी लहर आए, उससे पहले ही डाक्टर एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की कमी दूर करने का भी प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए अभी से आइटीआइ, सेवायोजन एवं डूडा के माध्यम से नर्स, वार्ड ब्वाय आदि की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो सकी है। इनकी सेवा दूसरी लहर के साथ तीसरी लहर के समय में भी ली जाएगी। शासन ने पहले की 25 फीसद मानदेय बढ़ाकर देने की घोषणा कर दी है।

बढ़ाई जा रही हैं सुविधाएं

मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने कहा कि कोविड से निपटने के लिए सुविधाएं धीरे-धीरे बढ़ाई जा रही हैं। इस समय न तो बेड की समस्या है और न ही दवा व आक्सीजन की। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए उससे निपटने की तैयारी भी चल रही है। मंडल स्तर पर पीडियाट्रिक आइसीयू स्थापित कर दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुविधा बढ़ाई जा रही है।

बच्‍चों के लिए अस्‍पताल की व्‍यवस्‍था करने पर जोर

जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कहा कि दूसरी लहर में स्थिति अब नियंत्रण में है। किसी को बेड के लिए इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। आक्सीजन के लिए लाइन भी नहीं लग रही है पर अपनी ओर से हम व्यवस्था करने में जुटे हैं। लगभग सभी ब्लाकों में आक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने व बच्चों के लिए अस्पताल की व्यवस्था करने पर जोर है। इसके साथ ही कोविड अस्पतालों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। इस कार्य में जनप्रतिनिधियों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। यदि तीसरी लहर भी आई तो उससे निपटने के लिए जिला पूरी तरह से तैयार रहेगा।

chat bot
आपका साथी