गोरखपुर में बना था प्रदेश का पहला हेल्प डेस्क, अब प्रदेश के सभी जिलों में लागू Gorakhpur News

सरकार के निर्देश के पूर्व ही स्वास्थ्य महकमे ने रेलवे अस्पताल में कोविड-19 हेल्प डेस्क बना दिया था। अब यह सभी जिलों में लागू हो गया है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 04:45 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 04:45 PM (IST)
गोरखपुर में बना था प्रदेश का पहला हेल्प डेस्क, अब प्रदेश के सभी जिलों में लागू Gorakhpur News
गोरखपुर में बना था प्रदेश का पहला हेल्प डेस्क, अब प्रदेश के सभी जिलों में लागू Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। प्रदेश सरकार की ओर से पूरे प्रदेश में अनिवार्य तौर पर लागू किए जा चुके कोविड-19 हेल्प डेस्क की शुरुआत गोरखपुर से हुई थी। सरकार के निर्देश के पूर्व ही स्वास्थ्य महकमे ने रेलवे अस्पताल में कोविड-19 हेल्प डेस्क बना दिया था। कोरोना के नोडल अधिकारी व अपर गन्ना आयुक्त प्रमोद उपाध्याय ने दो जून को निरीक्षण के बाद इसकी प्रशंसा की थी और इस पहल से शासन को अवगत कराया था। इसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया गया। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने भी निरीक्षण कर इस प्रयास को सराहा था। गोरखपुर के सरकारी अस्पतालों में कुल 510 कोविड-19 हेल्प डेस्क बनाए जा चुके हैं।

22 मई को स्थापित हुआ हेल्प डेस्क

22 मई को यह हेल्प डेस्क स्थापित हुआ। 23 मई को पहला कोरोना मरीज रेलवे अस्पताल में भर्ती हुआ था। बीआरडी मेडिकल कालेज, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) स्थित क्वारंटाइन सेंटर, 100 बेड टीबी अस्पताल, एंबुलेंस सेवा, सीएमओ कार्यालय, सीएमओ कंट्रोल रूप से समन्वय स्थापित कर कोरोना मरीजों का सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित कराने में यह यह डेस्क अहम भूमिका निभा रहा है। कोविड हेल्प डेस्क पर पैरामेडिकल स्टॉफ के साथ पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर और सैनिटाइजर रखना अनिवार्य है।

सभी जिलों में लागू हुई गोरखपुर की व्‍यवस्‍था

अपर मुख्‍य अपर मुख्‍य चिकित्साधिकारी डा. नंद कुमार का कहना है कि कोरोना के नोडल अधिकारी ने शासन में गोरखपुर के कोविड-19 हेल्प डेस्क की रिपोर्ट दी थी। उनके दौरे के बाद 18 जून और 20 जून को शासन से आए दो अलग-अलग दिशा-निर्देशों के अनुसार पूरे प्रदेश के अस्पतालों में हेल्प डेस्क अनिवार्य कर दिया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि कोविड-19 हेल्प डेस्क की पहल गोरखपुर ने की। इसकी उपयोगिता को देखते हुए इसे पूरे प्रदेश में लागू किया गया। जनपद में 510 हेल्प डेस्क बनाए जा चुके हैं। सभी को दिशा-निर्देशों से अवगत कराया जा चुका है।

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