Coronavirus: गोरखपुर शहर में होम आइसोलेट मरीजों की निगरानी करेंगी ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य टीमें Gorakhpur News

डॉक्टर शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर वाहन के साथ जाएंगे और क्षेत्रीय स्वास्थ्य कर्मियों के साथ कोरोना पॉजिटिव मरीजों के घर जाकर उनकी जांच व इलाज करेंगे।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 04:58 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 04:58 PM (IST)
Coronavirus: गोरखपुर शहर में होम आइसोलेट मरीजों की निगरानी करेंगी ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य टीमें Gorakhpur News
Coronavirus: गोरखपुर शहर में होम आइसोलेट मरीजों की निगरानी करेंगी ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य टीमें Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग ने होम आइसोलेट मरीजों की निगरानी के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की ए व बी टीमों को अब शहर में लगा दिया है। ये टीमें यहां कोरोना की रोकथाम के लिए प्रयास करेगी। डॉक्टर शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर वाहन के साथ जाएंगे और क्षेत्रीय स्वास्थ्य कर्मियों के साथ कोरोना पॉजिटिव मरीजों के घर जाकर उनकी जांच व इलाज करेंगे।

शासन की अनुमति मिलने के बाद ज्यादातर कोरोना मरीजों ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना है। लेकिन उनकी शिकायत रही है कि उन्हें पूछने वाला कोई नहीं है। कंट्रोल रूम में फोन करने के बाद भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों की आरबीएसके टीमों को शहर के एक-एक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र आवंटित किए गए हैं। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि ये सभी टीमें कोरोना मरीजों के घर जाएंगी। स्थिति गंभीर होने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचित करेंगी।

13 की संख्या में है बी टीमें

उपरोक्त ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही कौड़ीराम, पाली व बांसगांव की आरकेबीएसके की बी टीम जटेपुर, बिछिया, जाफरा बाजार, सिविल लाइंस, छोटे काजीपुर, निजामपुर, अंधियारी बाग, दीवान बाजार, पुर्दिलपुर, इस्लाम चक, इलाहीबाग, तारामंडल व रामपुर स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र के मरीजों का सर्वे करेगी।

संक्रमित 25 सिपाहियों की सेहत की नहीं हो रही जांच 

पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) में दीवान पद पर प्रमोशन की ट्रेनिंग चल रही है। विभिन्न क्षेत्रों से सिपाही आए हुए हैं। इसमें 25 कोरोना संक्रमित मिल गए। उन्हें बैरक में ही आइसोलेट कर दिया गया। आज तक डॉक्टर उनके स्वास्थ्य की जांच करने नहीं गए, जबकि अनेक उम्रदराज सिपाही शुगर, बीपी व सांस की तकलीफ से परेशान हैं। परिजनों ने बताया कि वहां चस्पा किए गए हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने पर कोई उठा नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि संक्रमित होने के बाद अधिकारियों ने उन पर ध्यान देना बंद कर दिया है। उनका इलाज हो रहा है न हल्दी-दूध दिया जा रहा है, जबकि कइयों की तबीयत खराब है।

पीटीएस की एसपी किरन यादव का कहना है कि संक्रमित सिपाहियों को निगरानी में रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम के सहयोग से जरूरत पडऩे पर दवाएं दी जा रही हैं। एक अधिकारी भी संक्रमित हैं। वह भी वहीं पर हैं। सभी सिपाही हमारे परिवार के सदस्य हैं। किसी को दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।

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