सिर में चोट और गला कसने से हुई थी लेखपाल की मौत, पत्‍नी से था विवाद

सिद्धार्थनगर जिले में तैनात गोरखपुर निवासी लेखपाल दुर्गेश अस्‍थाना की मौत सिर में चोट लगने और गला कसने से हुई थी। पत्‍नी से उनका विवाद भी चल रहा था।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 11:21 AM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 11:21 AM (IST)
सिर में चोट और गला कसने से हुई थी लेखपाल की मौत, पत्‍नी से था विवाद
सिर में चोट और गला कसने से हुई थी लेखपाल की मौत, पत्‍नी से था विवाद

गोरखपुर, जेएनएन। शाहपुर क्षेत्र के राप्तीनगर फेज वन निवासी लेखपाल दुर्गेश अस्थाना की हत्या की गई थी। सिर में दो स्थानों पर गंभीर चोट लगने और गला घोटने से उनकी मौत हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका पता चलने के बाद पुलिस ने घटना की छानबीन शुरू कर दी है। सिद्धार्थनगर जिले में तैनात दुर्गेश की चिलुआताल क्षेत्र में रोहिन नदी के किनारे लाश मिली थी।

गुरुवार को दो डाक्टरों की टीम ने दुर्गेश का पोस्टमार्टम किया। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई। सिद्धार्थनगर जिले की उस्का तहसील में कार्यरत दुर्गेश नौ नवंबर की शाम को 7:30 बजे ड्यूटी से घर पहुंचे। कुछ देर रुकने के बाद किसी से मिलने की बात कहकर घर से निकल गए। उनके बड़े भाई बरगदवा चौराहे तक उन्हें छोडऩे भी आए थे। इसके बाद से ही वह घर नहीं लौटे। देर रात तक उनका पता न चलने पर परिजनों ने उनसे फोन से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनका मोबाइल बंद मिला। काफी खोजबीन करने पर भी पता न चलने पर उनके परिजनों ने दूसरे दिन शाहपुर थाने में तहरीर दी।

इस बीच लेखपाल के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने की जानकारी होने पर सिद्धार्थनगर के जिलाधिकारी ने 13 नवंबर को गोरखपुर के जिलाधिकारी को फोन कर उनकी तलाश कराने का अनुरोध किया। गोरखपुर जिलाधिकारी के निर्देश पर 13 नवंबर को ही दुर्गेश की गुमशुदगी दर्ज कर उनकी तलाश शुरू की। इस बीच 14 नवंबर को चिलुआताल और गोरखनाथ थाने की सीमा पर रोहिन नदी के किनारे उनकी लाश मिली। पीठ पर उनका पिट्ठू बैग मौजूद था। उसमें कुछ कागजात और पत्थर रखा मिला।

पत्नी से विवाद होने की बात आई सामने

इसी साल 27 अप्रैल को दुर्गेश की शादी सहजनवां क्षेत्र के गीडा सेक्टर 13 निवासी आनंद कुमार श्रीवास्तव की पुत्री अनुपमा के साथ हुई थी। शादी के 15 दिन बाद ही अनुपमा मायके चली गई थीं। तभी से वहीं रह रही हैं। पति से विवाद होने के बाद वह मायके गई थीं। इसको लेकर दोनों परिवारों में कुछ दिन पहले पंचायत भी हुई थी। इसके बाद 28 नवंबर को अनुपमा की विदाई की तिथि निर्धारित की गई थी। इसी बीच दुर्गेश की हत्या कर दी गई।

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