टूरिस्ट गाइड थे, बन गए गांव की बेटियों के अंग्रेजी गाइड

देवरिया देश ही नहीं बल्कि दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण तेज हुआ तो हर क्षेत्र में म

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Aug 2021 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 11 Aug 2021 06:00 AM (IST)
टूरिस्ट गाइड थे, बन गए गांव की बेटियों के अंग्रेजी गाइड
टूरिस्ट गाइड थे, बन गए गांव की बेटियों के अंग्रेजी गाइड

देवरिया: देश ही नहीं बल्कि दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण तेज हुआ तो हर क्षेत्र में मंदी आ गई। पर्यटन के क्षेत्र में भी कोरोना का खासा असर रहा। देश व विदेश से पर्यटकों के आने पर रोक लगी। हजारों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए। लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के छोटे से गांव नौतन के रहने वाले व हिदी के अलावा अंग्रेजी, फ्रेंच एवं अरबी भाषा के जानकार युवा अमित शाही ने शिक्षा के जरिए आपदा को समाज सेवा के अवसर में बदला। भले ही उन्हें रुपये नहीं मिले, लेकिन गांव की बेटियों का अंग्रेजी गाइड बनने से सुकून जरूर मिला।

यूपी टूरिज्म के अधिकृत गाइड 29 वर्षीय अमित ने कोरोना संक्रमण काल में वाराणसी छोड़ने के बाद गांव की लड़कियों को निश्शुल्क अंग्रेजी बोलना व लिखना सिखाना शुरू किया। गांव के पास एक स्कूल के प्रबंधन से संपर्क कर प्रस्ताव रखा था। फिर शुरू हो गया जूम पर बेटियों को अंग्रेजी सिखाने का सिलसिला। पहले 14 छात्राएं जुड़ीं। इस वक्त गांव की आठवीं से लेकर स्नातक तक की छात्राएं अंग्रेजी स्पीकिग सीख रही हैं।प्रैक्टिकल के लिए अमेरिका, कनाडा, केन्या, फ्रांस सहित अन्य देशों के लोगों से अंग्रेजी में संवाद कराते हैं। अंग्रेजी का ज्ञान बेटियों को देने का यह काम छह माह से लगातार चल रहा है। बेटियां भी देश व विदेश के लोगों से जूम पर सीधा संवाद कर उत्साहित हैं।

अमित तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं ।छोटे दो भाई व पिता नौकरी करते हैं। इसलिए घर में कोई आर्थिक परेशानी नहीं है। शौक से गांव की बेटियों को अंग्रेजी का हुनर सिखा रहे हैं। उनके काम करने से प्रभावित होकर प्राइवेट कालेज ठाकुर जी धनुषधारी महराज इंटर कालेज विशुनपुर कला के मैनेजर तरुणेंद्र त्रिपाठी ने अमित को अपने कालेज में छात्रों को अंग्रेजी स्पीकिग सिखाने के लिए तैनाती का प्रस्ताव दिया है। इस वजह से उन्होंने बाहर जाने का इरादा बदल दिया है।

-------------------

जूम पर बेटियों की क्लास निश्शुल्क रहेगी :

अमित कहते हैं कि टूरिज्म गाइड के जरिए वाराणसी में कम से कम 15 से 20 हजार रुपये कमाते थे। अपने गांव के पास रहकर कालेज से कुछ कम ही रुपये मिलेंगे, लेकिन उससे यहां के लोगों की सेवा भी जुड़ी है। इसके अलावा गांव की गरीब व खासकर जरूरतमंद बेटियों को निश्शुल्क अंग्रेजी का ज्ञान देकर अपने इलाके के लिए भी कुछ कर सकता हूं। इसी वजह से बाहर जाने का इरादा बदल दिया है। कालेज टाइम के बाद जूम पर निश्शुल्क कक्षा जारी रहेगी।

--------------------

chat bot
आपका साथी