देवरिया में आयरकर दाताओं ने भी ले लिया था किसान सम्मान निधि, अब होगी वसूली
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जरूरतमंद किसानों को दे रही है। देवरिया जिले में 5634 आयकरदाता किसानों द्वारा भी यह सम्मान लिया गया है। अब उनसे वसूली की कार्रवाई तेज करते हुए उन किसानों के घर इसकी सूचना भी दी जा रही है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जरूरतमंद किसानों को दे रही है। देवरिया जिले में 5634 आयकरदाता किसानों द्वारा भी यह सम्मान लिया गया है। अब उनसे वसूली की कार्रवाई तेज करते हुए उन किसानों के घर इसकी सूचना भी दी जा रही है।
देवरिया में 464894 किसानों को मिला है सम्मान निधि का लाभ
जिले में 464894 किसानों को इसका लाभ मिलता रहा है। हाल ही में किसान सम्मान निधि लेने वाले किसानों की सूची आयकर विभाग को भेजी गई। जांच में इसका पर्दाफाश हुआ कि किसान सम्मान निधि का लाभ लेने वाले 5634 लोग आयकरदाता भी हैं या आयकर रिटर्न दाखिल किए हैं। इसमें बैतालपुर विकास खंड के 360, बनकटा के 263, बरहज के 266, भागलपुर के 327, भलुअनी के 474, भटनी के 365, भाटपाररानी के 330, देवरिया सदर के 446, देसही देवरिया के 264, गौरीबाजार के 387, लार के 402, पथरदेवा के 288, रामपुर कारखाना के 275, रुद्रपुर के 470, सलेमपुर के 441, तरकुलवा के 276 किसान शामिल हैं।
किसानाें को देना होता है घोषणा पत्र
जब किसान इसके लिए आवेदन देते हैं तो घोषणा करना होता है कि वह आयकर दाता नहीं है, या रिटर्न नहीं दाखिल किए हैं। इसके बाद लेखपाल खतौनी में भूमि की श्रेणी व क्षेत्रफल को चेक कर कृषक श्रेणी में पात्रता निर्धारित किया जाता है। साक्ष्य छिपाकर लाभ लेने वालों की तब पोल खुल गई, जब पैन कार्ड व आधार कार्ड का मिलान किया गया।
लाभ से वंचित किए जाएंगे आयकरदाता
उप कृषि निदेशक डा. आशुतोष मिश्र ने बताया कि आयकरदाता व रिटर्न दाखिल करने वाले किसान चिह्नित करने के बाद उनको इस लाभ से वंचित कर दिया गया है। साथ ही वसूली की कार्रवाई तेज कर दी गई है।
देवरिया में बढ रहे हैं एमडीआर के मरीज
टीबी के सामान्य मरीजों को अभियान के तहत खोज कर उनका इलाज किया जा रहा है। इन सामान्य टीबी के मरीजों के बीच एमडीआर (मल्ट्री ड्र्रग रेसिस्टेंट) मरीजों की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ रही है। अगर समय पर इसका इलाज न हो या दवा को निश्चित अवधि तक सेवन न किया जाए तो यह जानलेवा साबित होता है। इससे बचाव के लिए मरीज का इलाज आवश्यक है। ऐसे में जिले में एमडीआर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिससे संकट बढ़ गया है।