चुनाव चिन्ह मिलते ही छपवा लिया हैंडबिल, प्लास्टिक के प्रतीक चिन्ह लेकर पूरे गांव में दौड़ रहे बच्चे Gorakhpur News

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में चुनाव चिन्ह आवंटित होने के साथ ही गांवों में गहमा-गहमी बढ़ गई है। रात में ही प्रत्याशियों ने गांव वालों को अपने चुनाव निशान से अवगत करा दिया था। इंटरनेट मीडिया पर चिन्हों के साथ प्रत्याशियों के पोस्टरों की बाढ़ आ गई।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 03:10 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 03:10 PM (IST)
चुनाव चिन्ह मिलते ही छपवा लिया हैंडबिल, प्लास्टिक के प्रतीक चिन्ह लेकर पूरे गांव में दौड़ रहे बच्चे Gorakhpur News
चुनाव चिन्ह मिलते ही छपवा लिया हैंडबिल। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में चुनाव चिन्ह आवंटित होने के साथ ही गांवों में गहमा-गहमी बढ़ गई है। रात में ही प्रत्याशियों ने गांव वालों को अपने चुनाव निशान से अवगत करा दिया था। इंटरनेट मीडिया पर चिन्हों के साथ प्रत्याशियों के पोस्टरों की बाढ़ आ गई। गांवों में कुछ प्रत्याशियों ने रात को ही तो कुछ ने गुरुवार सुबह चुनाव चिन्ह के साथ जुलूस निकाला और मतदाताओं को यह बताया कि उन्हें वोट देना है तो कौन से निशान पर मुहर लगेगी। सबसे अधिक धूम प्रधान पद के लिए मिले चुनाव चिन्हों की है। गदा, इमली, खड़ाऊं, कन्नी (करनी) जैसे चिन्ह इसी पद के लिए हैं।

चुनाव निशान छपे सामग्रियों की कर ली खरीदारी

पंचायत चुनाव में चुनाव चिन्ह पहले से तय होते हैं। ऐसी स्थिति में प्रिंटिंग व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों ने चिन्ह छपे पोस्टर, हैंडबिल, बिल्ला, गमछा, टोपी, टी शर्ट आदि तैयार कर रखा था। जैसे ही प्रत्याशियों को आवंटन हुआ, उन्होंने निशान छपे सामग्रियों की खरीदारी भी कर ली। ग्रामीणों को रिझाने के लिए चुनाव चिन्हों के साथ उम्मीदवार तरह-तरह के प्रयोग भी कर रहे हैं।

कन्‍नी देकर निकाल दिया जुलूस

जंगल कौड़‍िया ब्‍लाक के एक गांव में कन्‍नी चुनाव निशान पाने वाले उम्मीदवार ने राजमिस्त्री का काम करने वाले गांव के ही दो दर्जन से अधिक लोगों को एकत्रित किया और उनके हाथ में उनकी असली कन्नी देकर गांव में जुलूस निकाल दिया। इसी तरह इमली निशान पाने वाले प्लास्टिक की इमली बांट रहे हैं। बच्चों को बिल्ला दिया जा रहा है, जिससे वे प्रचार में सहयोग करते रहे। खड़ाऊं निशान वाले कई प्रत्याशी पैर में खड़ाऊं पहनकर प्रचार करते देखे गए। जिसके पास गदा निशान है, उसने बच्चों में खिलौने वाला गदा बांट दिया। प्रचार के दौरान आचार संहिता की धज्जियां भले उड़ रही हों, लेकिन प्रत्याशियों की प्राथमिकता में मतपत्रों में अपना क्रमांक व निशान याद कराना है। जिला पंचायत सदस्यों को एक-एक गाड़ी का प्रयोग करने की अनुमति मिली है। कई प्रत्याशियों ने अपनी गाड़ी के ऊपर चुनाव निशान बांध लिया है और उसी से पूरे क्षेत्र में दौरा कर रहे हैं। क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के अधिकतर प्रत्याशी चुनाव निशान वाले हैंडबिल से ही काम चला रहे हैं।

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